राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने अपना पद छोड़ दिया है। शरद पवार की इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र की सियासत में खलबली मच गई। शरद पवार ने कहा कि कहा कि मैं राजनीतिक जीवन से रिटायर हो रहा हूं। शरद पवार के इस ऐलान के बाद उनके भतीजे अजित पवार ने कहा कि शरद पवार को पद छोड़ना ही था। शरद पवार फैसला वापस नहीं लेंगे। उम्र को देखते हुए शरद पवार ने ये फैसला लिया है। नए नेतृत्व को मौका मिलना चाहिए।
"अब सहनशीलता ख़त्म हो रही है"
अजित पवार ने कहा कि पवार अध्यक्ष ना रहें तो भी पार्टी काम करती रहेगी। अजित ने कहा कि बार-बार फैसला वापस लेने की अपील ना करें। अब उनकी सहनशीलता ख़त्म हो रही है। पवार साहब को घर जाने दीजिए। मैं थोड़ी देर आपलोग के साथ बैठूंगा। बाद में हमलोग उनके घर जाएंगे और चर्चा करेंगे। अजित पवार ने बताया कि शरद पवार कह रहे हैं कि जो भी कमिटी निर्णय लेगी वो पवार साहब को मान्य होगा। भावुक होने की ज़रूरत नहीं है, आज या कल ये होने ही वाला था। मेरी विनती है कि जो साहब सोच रहें हैं वैसा होने दीजिए।
"...जैसे खरगे अध्यक्ष लेकिन सोनिया चलाती हैं पार्टी"
अजित ने कहा कि पवार साहब अध्यक्ष नहीं है इसका मतलब ये नहीं कि वो पार्टी में नहीं हैं। जैसे कांग्रेस के अध्यक्ष खरगे हैं लेकिन पार्टी सोनिया गांधी चलाती हैं, जो भी कल अध्यक्ष होगा तो साहब के मार्गदर्शन में ही काम करेगा। आपलोग ज़्यादा भावुक मत होइए। मैंने उनसे बात की थी लेकिन उन्होंने कहा है कि वो अपने फैसले से डिगेंगे नहीं। नए अध्यक्ष का हम सब साथ देंगे, हम लोग परिवार हैं। परिवार रहेंगे और पवार साहब इस परिवार के मुखिया रहेंगे।
हम पता करेंगे इस्तीफे की वजह- नाना पटोले
वहीं दूसरी ओर पार्टी के अन्य नेता, कार्यकर्ता और पवार के समर्थक भी इस फैसले को लेकर दुख जाहिर कर रहे हैं। इस दौरान नाना पटोले ने कहा कि यह NCP के अंदर का मामला है। उन्होंने क्यों इस्तीफा दिया इसके बारे में वो ही बता सकते हैं। लेकिन पवार साहब के इस्तीफा देने से MVA पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अब उनकी पार्टी में अगला अध्यक्ष कौन होगा यह उन्हें तय करना है। लेकिन पवार साहब देश के बड़े नेता हैं। BJP और केंद्र से मुकाबले के लिए उनकी बड़ी भूमिका है। हम भी पता करेंगे कि आखिर उनके इस्तीफे के ऐलान की वजह क्या है।
हमें नहीं चाहिए कोई कमिटी- छगन भुजबल
वहीं इस दौरान छगन भुजबल ने कहा कि हमें कोई कमिटी नहीं चाहिए। हमारे नेता, हमारे कमिटी सब आप हैं। देश को और इस राज्य को आपके नेतृत्व की ज़रूरत है। इसीलिए मैं सबकी तरफ से मांग करता हूं कि फैसला वापस लीजिये। वहीं इस दौरान अनिल देशमुख ने कहा कि सब की यही मांग है कि आप अपने फैसले पर पुनः विचार करें।
इतिहास ने खुद को दोहराया है- संजय राउत
दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि ये अचंभित करने वाला फैसला है। उनके इस फैसले से देश की राजनीति में बड़ा फर्क पड़ सकता है। हमें ये निर्णय मान्य नहीं है। इस समिति के बारे में मुझे कुछ भी मालूम नहीं था। वहीं शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने ट्वीट कर लिखा कि गंदी राजनीति और आरोपों से तंग आकर शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे ने भी शिवसेना प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन शिवसैनिकों के प्यार के कारण उन्हें अपना फैसला वापस लेना पड़ा था। ऐसा लगता है कि इतिहास ने खुद को दोहराया है। बालासाहेब की तरह पवार साहब भी राज्य की राजनीति की आत्मा हैं।
अभी के अभी कुछ तो फैसला करें साहब- प्रफुल पटेल
वहीं प्रफुल पटेल ने कहा कि आप सब की तरफ़ से पवार साहब को हाथ जोड़ कर कहा है कि पुनः अपने फैसले पर विचार करें। अभी साहब बोलने को तैयार नहीं हैं। लेकिन हमने आग्रह किया है कि अभी के अभी कुछ तो फैसला करें साहब। महाराष्ट्र और देश की जनता के लिए मैं पवार साहब से विनती करता हूं कि फैसले पर विचार करें।
रोते हुए बोले जयंत पाटिल- उन्हें ऐसा फैसला लेने का हक़ नहीं
इस दौरान जयंत पाटिल रोते दिखे। उन्होंने कहा कि अगर पवार साहब राजनीति में नहीं रहेंगे तो हम मार्गदर्शन के लिए कि के पास जाएंगे। देश और महाराष्ट्र को उनकी ज़रूरत है। उन्हें ऐसा फैसला लेने का हक़ नहीं है। जयंत पाटिल लगातार रोते हुए कह रहे थे कि बचपन से उनको देख कर बड़े हुए हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने भाकरी फिराने की बात कही थी। हम पार्टी में बदलाव के सारे अधिकार देते हैं। आप चले जायेंगे तो हम लोग काम नहीं कर पाएंगे।
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