एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के जाने से महाराष्ट्र राहत में है, लेकिन केंद्र की ओर से यह फैसला काफी पहले ले लिया जाना चाहिए था। उन्होंने मांग की कि कोश्यारी ने अगर कोई असंवैधानिक फैसले लिए हैं, तो उसकी जांच की जानी चाहिए।
मैं केंद्र सरकार के फैसले से प्रसन्न हूं: पवार
उन्होंने नागपुर में पत्रकारों से कहा, "महाराष्ट्र अब राहत में है। यह बहुत अच्छा फैसला है, लेकिन इसे काफी पहले ले लिया जाना चाहिए था। अपने इतिहास में महाराष्ट्र ने राज्यपाल के पद पर कभी ऐसा व्यक्ति नहीं देखा था। मैं केंद्र सरकार के फैसले से प्रसन्न हूं।" पवार ने कहा, "कोश्यारी ने जो भी फैसले लिए हैं, जो संविधान के खिलाफ हैं उनकी उचित जांच होनी चाहिए।"
कोश्यारी के इस्तीफे को राष्ट्रपति ने किया मंजूर
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में रविवार को कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोश्यारी के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। कोश्यारी की जगह झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने ली है।
तब तीन दिन चली थी फडणवीस-पवार के नेतृत्व वाली सरकार
कोश्यारी पर विपक्ष ने बीजेपी के हाथों खेलने का आरोप लगाया था। जब भगत सिंह कोश्यारी ने 23 नवंबर, 2019 को सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को उपमुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ दिलाई थी, जिससे विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दलों की ओर से सरकार बनाने में विफल रहने के बाद लगाया गया राष्ट्रपति शासन समाप्त हो गया था। हालांकि, फडणवीस-अजित पवार के नेतृत्व वाली सरकार महज तीन दिन चली थी।
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