महाराष्ट्र में अजित पवार की बगावत के बाद दो खेमों में बंटी एनसीपी के बीच विवाद जारी है। इस बीच, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को अपने गुट के नेताओं की मुंबई में बैठक बुलाई है। मुंबई में बल्लार्ड एस्टेट में स्थित एनसीपी के ऑफिस में दोपहर 1 बजे बैठक होगी। पार्टी के सभी बड़े नेता इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
"राजनीति में कोई भी स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं"
इससे पहले एनसीपी के कुछ बागी नेताओं के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल अजित पवार ने अपने एक बयान में कहा कि राजनीति में कोई भी स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता है। उनका गुट राज्य में लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के गठबंधन में शामिल हुआ है। अजित पवार ने बीड में एक रैली को संबोधित करते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पीएम नरेंद्र मोदी के करिश्मे से धर्मनिरपेक्ष विचारों पर चलने वाले महाराष्ट्र को फायदा होगा।
शरद पवार ने पार्टी में बंटवारे से इनकार को दोहराया
वहीं, शनिवार को शरद पवार ने एक बार फिर अपनी पार्टी में बंटवारे से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह सच है कि कुछ विधायक पार्टी से चले गए हैं, लेकिन अकेले विधायकों का मतलब पूरी राजनीतिक पार्टी नहीं होता। पवार ने कहा कि वह एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और जयंत पाटिल पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हैं। बता दें कि अजित पवार और एनसीपी के 8 अन्य विधायक 2 जुलाई को राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए थे।