मुंबई: महाराष्ट्र में गठबंधन वाली महाविकास आघाडी सरकार की मुश्किलें और बढ़नेवाली हैं। सीनियर आईपीएस संजय पांडे मुंबई हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करनेवाले हैं। पांडे का कहना है कि सबसे सीनियर आईपीएस होने के नाते उन्हें डीजीपी बनाया जाना चाहिए था और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश भी है जिसमें कहा गया है कि सबसे सीनियर अधिकारी को ही डीजीपी बनाया जाना चाहिए । लेकिन महाविकास आघाडी सरकार ने उनकी वरीष्ठता को नजरअंदाज कर उनसे जूनियर अधिकारी को डीजीपी का चार्ज दिया जो नियमों के खिलाफ है।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में रजनीश सेठ को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है जो कि संजय पांडे से जूनियर हैं। सरकार की तरफ से वरिष्ठता को नजरअंदाज किए जाने से नाराज संजय पांडे लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। आपको बता दें कि संजय पांडे लंबे समय से पुलिस विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार और जांच राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर सवाल उठाते आ रहें हैं।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे आठ पन्नों के पत्र में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री देशमुख पुलिस अधिकारियों को अपने आधिकारिक आवास पर बुलाते थे और उन्हें बार, रेस्तरां और उन्य जगहों से वसूली के लिए कहते थे।
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