
मुंबई की एक सेशन कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि रात में किसी अनजान महिला को ‘‘आप पतली हैं, बहुत स्मार्ट और गोरी दिखती हैं, मैं आपको पसंद करता हूं’’ जैसे संदेश भेजना अश्लीलता के समान है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (दिंडोशी) डी जी ढोबले ने एक पूर्व पार्षद को व्हाट्सऐप पर अश्लील संदेश भेजने के आरोप में एक व्यक्ति की सजा को बरकरार रखते हुए ये टिप्पणियां कीं। कोर्ट ने 18 फरवरी को सुनाए आदेश में कहा कि अश्लीलता का मूल्यांकन ‘‘समय के हिसाब से सामाजिक मानकों को लागू करने वाले औसत व्यक्ति" के नजरिए से किया जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता को रात 11 बजे से 12.30 बजे के बीच फोटो और मैसेज भेजे गए, जिनमें लिखा था, ‘‘आप पतली हैं’’, ‘‘आप बहुत स्मार्ट दिखती हैं’’, ‘‘आप गोरी हैं’’, ‘‘मेरी उम्र 40 साल है’’, ‘‘आप शादीशुदा हैं या नहीं?’’ और ‘‘मैं आपको पसंद करता हूं।’’
कोई भी ऐसे मैसेज बर्दाश्त नहीं करेगा- कोर्ट
अदालत ने कहा कि कोई भी विवाहित महिला या उसका पति जो ‘‘प्रतिष्ठित है और (पूर्व) पार्षद’’ है, ऐसे व्हाट्सऐप मैसेज और अश्लील फोटो बर्दाश्त नहीं करेगा, खासकर तब जब मैसेज करने वाला अनजान हो। इसमें कहा गया, ‘‘आरोपी ने रिकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया है, जो दिखाता हो कि उनके बीच कोई संबंध था।’’ जज ने माना कि ये संदेश और यह कृत्य महिला की गरिमा का अपमान करने के समान हैं।
2022 में हुई थी तीन महीने की सजा
आरोपी को 2022 में मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने दोषी ठहराया था और तीन महीने कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद उसने सत्र न्यायालय में फैसले को चुनौती दी। आरोपी ने दावा किया कि राजनीति में विरोधी होने के कारण उसे मामले में झूठा फंसाया गया है, लेकिन अदालत ने उसके तर्क को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसके पास इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है।
कोर्ट का फैसला
अदालत ने कहा, ‘‘इसके अलावा, कोई भी महिला किसी आरोपी को झूठे मामले में फंसाकर अपनी गरिमा को दांव पर नहीं लगाएगी।’’ अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया है कि आरोपी ने महिला को व्हाट्सऐप पर अश्लील मैसेज और तस्वीरें भेजी थीं। सत्र न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसलिए, आरोपी को अधीनस्थ अदालत (मजिस्ट्रेट) ने दोषी ठहराकर और सजा सुनाकर उचित किया।’’ (इनपुट- पीटीआई भाषा)