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पत्नी के गहने गिरवी रखकर स्कूल प्रिंसिपल ने माफ की 1000 छात्रों की 1 साल की फीस

मुंबई में जहां एक तरफ कुछ प्राइवेट स्कूल कोरोना महामारी में स्टूडेंट्स को एक पैसे की भी छूट देने तैयार नहीं हैं। वहीं मलाड मालवणी के होली स्टार इंग्लिश स्कूल के प्रिंसिपल और मालिक हुसैन शेख ने स्कूल के एक हजार छात्रों (करीब 65% छात्र) की पूरे सालभर की फीस माफ करके एक मिसाल पेश की है।

Reported by: Sachin Chaudhary
Updated on: July 13, 2021 23:27 IST
स्कूल ने माफ की 1000 छात्रों की 1 साल की फीस, कोरोना के कारण लिया फैसला- India TV Hindi
Image Source : PTI स्कूल ने माफ की 1000 छात्रों की 1 साल की फीस, कोरोना के कारण लिया फैसला (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुंबई: मुंबई में जहां एक तरफ कुछ प्राइवेट स्कूल कोरोना महामारी में स्टूडेंट्स को एक पैसे की भी छूट देने तैयार नहीं हैं। वहीं मलाड मालवणी के होली स्टार इंग्लिश स्कूल के प्रिंसिपल और मालिक हुसैन शेख ने स्कूल के एक हजार छात्रों (करीब 65% छात्र) की पूरे सालभर की फीस माफ करके एक मिसाल पेश की है। फीस माफ करने के लिए उन्होंने अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखने पड़े। इतनी ही नहीं, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भी तोड़कर उसकी रकम को स्कूल के छात्रों के लिए इस्तेमाल किया।

हुसैन शेख ने कोरोना महामारी में लोगों की माली हालत को देखते हुए अपने 1500 छात्रों में से 1000 छात्रों की एक साल की स्कूल फीस माफ की। साथ ही बचे हुए 500 छात्र, जो फीस दे सकते थे उनकी फीस में 15 परसेंट से लेकर 50 परसेंट तक की छूट कर दी है। इसके अलावा वह जरूरतमंद छात्रों के पेरेंट्स को स्कूल बुलाकर राशन की किट भी दे रहे है ताकि उनके घर में कोई भूखा न सोए। 

हुसैन शेख ने अपने गरीब छात्रों की आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूल के बाहर एक 'सपोर्ट फ़ॉर स्टूडेंट' का डोनेशन बॉक्स लगाया है और उसके जरिए अपने जरूरतमंद स्टूडेंट्स के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट मांग रहे हैं। फिलहाल, स्थिति यह है कि स्कूल के टीचरों की सैलरी देने और खुद का घर चलाने के लिए हुसैन शेख को अपनी बीवी के गहनों को बैंक में गिरवी रखना पड़ा। 

हालांकि, हुसैन शेख ने अपने टीचरों को हाफ सेलरी में काम करने के लिए मना लिया है ताकि वह अपने इलाके के गरीब स्टूडेंट्स को आगे भी पढ़ा सकें। बता दें कि हुसैन शेख NGO की मदद से पिछले एक साल से जरूरतमंद स्टूडेंट्स और आसपास के गरीब लोगों के घरों में राशन किट भी पहुंचा रहे हैं।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के कहने के बावजूद भी कई प्राइवेट स्कूल बच्चों की फीस को रिवाइज करने को तैयार नहीं हैं। कई बड़े स्कूलों ने तो फीस न देने के कारण बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई तक रोक दी है।

लेकिन, जब हुसैन शेख को पता चला कि उनके स्कूल के 1000 छात्रों की पिछले सालभर की फीस बकाया है, उसे भरने का पैसा उनके परिवार के पास नहीं है तो उन्होंने यह फीस माफ करने का फैसला लिया।

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