पुणे। महाराष्ट्र के वाई शहर में एक विद्यालय ने सूख चुके ‘सिल्वर ओक’ पेड़ के ठूंठ को उखाड़ने के बजाय उसे छह फुट की पेंसिल में तब्दील कर एक कलात्मक स्वरूप दिया है। हालांकि, सतारा के वाई शहर में शैक्षणिक संस्थान कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बंद हैं, लेकिन अब द्रविड़ हाईस्कूल के आसपास के लोग इस कलात्मक कृति को निहारने के लिए आ रहे हैं जो विद्यालय के प्रवेश द्वार पर स्थित है।
डेक्कन एजूकेशन सोसायटी द्वारा संचालित विद्यालय ने पेड़ के ठूंठ को छह फुट की पेंसिल का कलात्मक स्वरूप देने के लिए एक बढ़ई की मदद ली। पेंसिल, केंद्र सरकार के सर्व शिक्षा अभियान का प्रतीक चिह्न है। विद्यालय के प्राचार्य नागेश मोने ने कहा, ‘‘ हमारे यहां एक पुराना सिल्वर ओक पेड़ था, जो कई वर्षों से सूखा पड़ा था और चूंकि यह स्कूल के प्रवेश द्वार पर था, इसलिए यह यह स्कूल भवन के लिए खतरा पैदा कर सकता था, क्योंकि वह कभी भी गिर सकता था।’’
मोने ने इस सूखे पड़े को यहां से काटकर हटाने के लिए शुरू में कुछ लकड़हारे को बुलाया था। प्राचार्य ने कहा, ‘‘चूंकि इस काम पर खर्चा बहुत ज्यादा था, इसलिए हमने कुछ नया करने के बारे में सोचा।’’ फिर उन्होंने विद्यालय में पहले कोई काम कर चुके एक बढ़ई को बुलाया और उससे पूछा कि क्या इस पेंसिल का आकार दिया जा सकात है क्योंकि इसका ठूंठ सीधा है। मोने ने कहा, ‘ बढ़ई को इसे पेंसिल का आकार देने में पांच-छह दिन लगे।’’
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