Lok Sabha Elections 2024: सतारा संसदीय क्षेत्र महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। यह महाराष्ट्र के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। जिला मुख्यालय होने के चलते सभी बड़े प्रशसनिक दफ्तर यहीं पर हैं। इस सीट पर छत्रपति शिवाजी महाराज के तेरहवें वंशज छत्रपति उदयन राजे भोंसले भारतीय जनता पार्टी से चुनाव मैदान में है जबकि एनसीपी शरद पवार पार्टी से पूर्व मंत्री और विधानपरिषद विधायक शशिकांत शिंदे उम्मीदवार हैं। शरद पवार के कट्टर समर्थक शिंदे और छत्रपति परिवार के उदयन राजे के बीच हो रहे मुकाबले के कारण यह सीट हॉट सीट हो गई है।
क्या है सातारा लोकसभा का इतिहास?
यह सीट 1951 में ही अस्तित्व में आ गई थी। यहां 9 बार कांग्रेस पार्टी और 6 बार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी काबिज रही है। साल 1999 से एनसीपी इस सीट पर कब्जा जमाए हुए है। सतारा का इतिहास भी काफी पुराना है। यह छत्रपति शिवाजी और शाहूजी के वंशजों की राजधानी रहा है। सतारा क्षेत्र छत्रपति शिवाजी का शानदार निवास स्थान रहा और यहां शिवाजी महाराज का भव्य किला मौजूद है। सतारा में छत्रपति शिवाजी के वंशजों का शासन भी रहा। इस शासन के पहले राजा प्रताप सिंह थे। इन्हें 1838 को राजगद्दी से हटा दिया गया था। साल 2019 में इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 18,484,89 थी। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,451,82 जबकि महिला मतदाताों की संख्या 9,032,90 रहीं।
सतारा की विधानसभा सीटों पर NDA आगे
बता दें कि सातारा लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा सीटें आती हैं। इन 6 सीटों में से 4 पर एनडीए गठबंधन के विधायक हैं जबकि 2 सीटों पर I.N.D.I.A. गठबंधन के MLA हैं।
- वाई सीट से मकरंद पाटिल (एनसीपी अजीत गुट)
- कोरेगांव से महेश शिंदे (शिवसेना शिंदे)
- कराड उत्तर, बालासाहब पाटिल (एनसीपी शरद पवार)
- कराड दक्षिण, पृथ्वीराज चव्हाण (कांग्रेस)
- पाटन, शंभुराजे देसाई (शिवसेना शिंदे)
- सतारा , शिवेंद्र राजे भोंसले (बीजेपी)
1951 से लेकर अब तक का समीकरण
कांग्रेस ने इस संसदीय सीट पर कुल 9 बार जीत दर्ज की है। साल 1951 में इस सीट से दो संसद सदस्य चुने गए। इनमें गणेश अल्तेकर और वेंकांतराव पवार शामिल थे। 1957 में इस सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नाना रामचन्द्र पाटिल चुनाव जीते जबकि 1962 में कांग्रेस के किसान महादेव वीर ने जीत दर्ज की। 1967, 1971 और 1977 में कांग्रेस पार्टी के यशवंतराव चव्हाण सांसद चुने गए। बाद में यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (यू) में शामिल हो गए और 1980 में फिर से इसी सीट पर सांसद बने। 1984, 1989 और 1991 में कांग्रेस के प्रतापराव भोसले ने यहां से चुनाव जीता।
साल 1996 में इस सीट पर शिवसेना ने कब्जा किया जब पार्टी के हिंदूराव नाइक निंबालकर ने जीत दर्ज की। 1998 में यह सीट फिर से कांग्रेस के खाते में चली गई और अभयसिंह भोसले विजयी हुए। साल 1999 में इस सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने जीत का परचम लहराया जो वर्तमान में भी कायम है। 1999 और 2004 में एनसीपी के लक्ष्मणराव पाटिल जबकि 2009, 2014 और 2019 में उदयनराजे भोसले सांसद चुने गए। अक्टूबर 2019 में उदयनराजे भोसले ने इस सीट से इस्तीफा दे दिया। 2019 में फिर इस सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें एनसीपी के श्रीनिवास पाटिल ने चुनाव जीत लिया।
2019 के लोकसभा चुनाव में NCP के उदयन राजे ने 1,26,528 वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की थी। उन्हें 52.00 फीसदी वोट शेयर के साथ 579,026 वोट मिले थे। उन्होंने शिवसेना के नरेंद्र पाटिल को हराया था, जिन्हें 452,498 वोट (40.48 %) मिले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उदयन राजे ने इस सीट से जीत हासिल की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें 53.50 % वोट शेयर के साथ 5,22,531 वोट मिले थे। 2019 में ही हुए उपचुनाव में उदयनराजे भोसले को एनसीपी के श्रीनिवास पाटिल के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। उन चुनावों में श्रीनिवास को 6,36,620 जबकि उदयनराजे को 5,48,903 मत प्राप्त हुए थे।
महाराष्ट्र में 5 चरणों में हो रहे हैं चुनाव
बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव कुल 5 चरणों में हो रहे हैं। पहले चरण और दूसरे चरण का मतदान क्रमश: 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को हो चुका है। तीसरे, चौथे और पांचवें चरण के लिए क्रमश: 7 मई, 13 मई और 20 मई को वोट डाले जाएंगे। सातारा में तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा और चुनावों के नतीजे 4 जून को आएंगे। पिछले चुनावों में NDA ने 48 में से 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि यूपीए के खाते में 5 सीटें आई थीं। 2024 के चुनावों में किसका परचम लहराएगा, यह जानने के लिए 4 जून तक इंतजार करना होगा।