शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना में देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा गया। इस बाबत सामना के संपादक व शिवसेना यूबीटी गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के लिए मैंने कौन सा अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल किया है। घमंड कोई अमर्यादित शब्द नहीं है। उन्होंने कहा, 'देवेंद्र फडणवीस ने कल कहा कि दोबारा से सत्ता में हम आये लेकिन कुछ बेईमानों की वजह से दूर हो गए तो फडणवीस बताएं कि बेईमान एनसीपी थी या शिवसेना।'
देवेंद्र फडणवीस पर बोले संजय राउत
संजय राउत ने कहा कि उन्होंने 2014 में 25 साल का भाजपा-शिवसेना का गठबंधन सिर्फ एक सीट पर विवाद को लेकर तोड़ दिया था। एकनाथ खडसे उस समय के प्रत्यक्षदर्शी हैं। उस समय घमंड और बेईमानी किसने की थी? उन्होंने कहा कि 2019 में अमित शाह ने 50-50 की पावर शेयरिंग की बात कही थी। लेकिन जब हमने एकनाथ शिंदे को शिवसेना से ढाई साल के सीएम का प्रस्ताव दिया तो फडणवीस और अमित शाह ने इससे इनकार किया। अब उसी शिंदे की सरकार में फड़नवीस "उप" पद पर बैठे हैं। यह चलता है। इसलिए देवेंद्र फडणवीस को कुछ भी बोलने से पहले सोचना चाहिए।
भाजपा में पुराने नेताओं की कद्र नहीं
नितिन गडकरी के बयान पर संजय राउत ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के लिए जो कहा वो बिल्कुल सही है। आज जिस तरह के भाजपा नेता हैं या नए नेताओं की भर्ती हो रही है। वो पुराने नेताओं की कद्र कहां कर रहे हैं? जो भाजपा अटल,आडवाणी, मुरली मनोहर के समय थी। वो आज की भाजपा कहा रह गई है? उन्होंने कहा, 'नितिन गडकरी खुद महाराष्ट्र और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। जब पहली भाजपा और शिवसेना गठबंधन की सरकार बनी तब गडकरी मंत्री थे और आज केंद्रीय मंत्री हैं। उन्होंने भाजपा को बहुत से करीब से देखा है। उन्होंने सही कहा कि आज की भाजपा में पुराने नेताओं की कद्र नहीं है।'