मुंबई: शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का राज्य सरकार का फैसला किसी की जीत या हार नहीं है। राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पूजा स्थलों को फिर से खोलने का श्रेय लेने का कोई सवाल नहीं उठता। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को घोषणा की थी कि महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को सोमवार से पुन: खोल दिया जाएगा, जो मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद से बंद हैं।
राज्य सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर स्थित धार्मिक स्थलों को अधिकारियों द्वारा तय समयानुसार खोलने की अनुमति होगी और श्रद्धालुओं को क्रमबद्ध तरीके से अंदर आने की इजाजत दी जाएगी। राउत ने कहा, ‘‘सरकार ने जो एसओपी जारी किये हैं, उनका कड़ाई से पालन जरूरी है।"
उन्होंने कहा, "श्रेय लेने की कोई जरूरत नहीं है। भगवान की इच्छा थी कि लोग घरों में रहें और अब भगवान की इच्छा है कि पूजा स्थानों को सावधानियों के साथ पुन: खोला जाए।’’ मंदिरों को पुन: खोलने को भाजपा द्वारा हिंदुत्व की विजय कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि केवल मंदिर नहीं, सभी धर्मों के उपासना स्थल खुलेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह किसी की जीत या हार नहीं है।’’ शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर उपासना स्थलों को बंद किया गया था। बता दें कि पूर्व में तमाम राजनीतिक विरोध के बावजूद धर्मस्थलों को ना खोलने वाली उद्धव सरकार ने अब सभी धार्मिक स्थलों को सोमवार से खोलने की इजाजत दे दी है।
सरकार ने इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन की एडवाइजरी जारी की है। सीएम उद्धव ने कहा, "हम सभी एहतियाती कदम उठाते हुए दिवाली बाद स्कूल फिर से खोलेन पर विचार कर रहे हैं। धार्मिक स्थलों को भी खोलने की मंजूरी दी जाएगी। सोमवार से सभी धर्मस्थल खोले जा रहे हैं।"