मुंबई: शिवसेना सांसद संजय राउत द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाने की सलाह को लेकर कांग्रेस में नाराजगी देखने को मिल रही है। उनकी इस सलाह के बाद महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने मंगलवार को कहा कि राउत को कोई भी टिप्पणी करने से पहले थोड़ा सोचना चाहिए। शिवसेना महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ सत्ता में साझेदार है लेकिन वह कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का हिस्सा नहीं है। थोराट के बयान से उन कयासों को बल मिलने लगा है कि महा विकास आघाड़ी गठबंधन सरकार में सब ठीक नहीं है।
‘लंबे समय तक यूपीए चीफ रहेंगी सोनिया’
राउत ने 20 मार्च को कहा था कि यह वक्त की मांग है कि यूपीए को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा था कि एक मजबूत यूपीए भारतीय जनता पार्टी के मजबूत विकल्प के तौर पर सामने आए। राउत सिर्फ इतने पर नहीं रुके और उन्होंने कहा कि NCP सुप्रीमो को यूपीए का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। बता दें कि वर्तमान में यूपीए के अध्यक्ष पद पर सोनिया गांधी आसीन हैं। राउत की सलाह पर प्रतिक्रिया देते हुए थोराट ने कहा कि सोनिया गांधी ‘लंबे वक्त तक यूपीए की प्रमुख बनी रहेंगी।’ शिवसेना सांसद की टिप्पणियों के बारे में पूछने पर मंत्री ने कहा, ‘राउत वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें कोई भी टिप्पणी करने से पहले थोड़ा सोचना चाहिए।’
‘क्या संजय राउत पवार के प्रवक्ता हैं?’
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने भी हाल ही में एक संपादकीय में यह कहकर बवाल खड़ा कर दिया था कि अगर पवार संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के अध्यक्ष बनते हैं तो इससे गठबंधन को फायदा होगा। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने हाल ही में शिवसेना नेता से ऐसी टिप्पणियां करने से बचने को कहा था। उनके अनुसार, शिवसेना तो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का हिस्सा भी नहीं हे। कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था कि क्या राउत पवार के प्रवक्ता हैं? बता दें कि राउत शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक हैं।