नई दिल्ली: शिवसेना के नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि मुम्बई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह फिलहाल विपक्ष के लिए ‘‘सबसे बड़ा हथियार’’ हैं। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के विरूद्ध परमबीर सिंह के आरोपों से महा विकास अघाड़ी सरकार संकट में फंस गयी है। देशमुख के इस्तीफे की मांग तेज हो रही है। राउत ने कहा कि यदि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) महसूस करती है कि देशमुख के विरूद्ध सबूत नहीं है, तो उसमें गलत क्या है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि सरकार जांच की चुनौती हाथ में लेने के लिए तैयार है तो दिक्कत क्या है।’’ राकांपा ने देशमुख का जबर्दस्त समर्थन किया है और उन्हें बर्खास्त किये जाने की किसी संभावना से इनकार किया है। राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सिंह द्वारा लिखा गया पत्र देशमुख के विरूद्ध सबूत नहीं हो सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि महा विकास अघाड़ी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और यह कि सत्तारूढ़ गठबंधन के घटकों (राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस) के बीच मतभेद नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘परमबीर सिंह अब विपक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार हैं। कल तक विपक्ष को उन पर विश्वास नहीं था। सुशांत सिंह राजपूत और कंगना रनौत मामलों में विपक्ष के बयानों को देख लीजिए। लेकिन, अब वह विपक्ष के लिए भरोसेमंद अधिकारी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष अब सरकार पर गोले दागने का प्रयास कर रहा है। यदि विपक्ष परमबीर सिंह के कंधों का इस्तेमाल करके सरकार को निशाना बनाना चाहता है तो यह उसे महंगा पड़ेगा।’’
जब राउत से कुछ वर्गों की ओर से उठ रही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा , ‘‘इसके बजाय केंद्र को ही बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह अपनी एजेंसियों के माध्यम से राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण कर रहा है।’’ गौरतलब है कि परमबीर सिंह का पिछले सप्ताह मुम्बई के पुलिस आयुक्त पद से तबादला कर दिया गया।
परमबीर सिंह का यह तबादला उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक वाहन में विस्फोटक सामग्री मिलने के सिलसिले में की गयी पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद किया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे आठ पन्नों के पत्र में सिंह ने कहा कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है।
उन्होंने पत्र में आरोप लगाया है कि देशमुख पुलिस अधिकारियों को अपने निवास पर बुलाते थे और उन्हें बार, रेस्तराओं और अन्य प्रतिष्ठानों से वसूली लक्ष्य देते थे। सोमवार को सिंह ने अपने आरोपों की जांच की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का रूख किया।