Wednesday, January 15, 2025
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Sanjay Raut की न्यायिक हिरासत बढ़ी, जमानत पर 21 अक्टूबर को सुनवाई

शिवसेना सासंद संजय राउत को अभी कुछ दिन और जेल में ही रहना पड़ेगा। मुंबई की एक अदालत राउत की जमानत अर्जी पर 21 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Oct 18, 2022 18:45 IST, Updated : Oct 18, 2022 18:45 IST
Sanjay Raut's judicial custody extended
Image Source : PTI Sanjay Raut's judicial custody extended

Highlights

  • अभी जेल में ही रहेंगे संजय राउत
  • 21 अक्टूबर तक बढ़ी न्यायिक हिरासत
  • 3 दिन बाद जमानत पर होगी सुनवाई

शिवसेना सासंद संजय राउत की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। मुंबई की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को कहा कि वह राउत की जमानत अर्जी पर 21 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। यानी कि संजय राउत अब 21 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। अदालत ने कहा कि वह कथित धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए शिवसेना सांसद संजय राउत की जमानत याचिका पर 21 अक्टूबर को सुनवाई जारी रखेगी। 

अदालत में एकनाथ खडसे से मिले राउत

विशेष जज एम जी देशपांडे ने संजय राउत की न्यायिक हिरासत की अवधि भी 21 अक्टूबर तक बढ़ा दी। बता दें कि आज संजय राउत को उनकी हिरासत की अवधि खत्म होने पर अदालत में पेश किया गया था। अदालत में राउत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एकनाथ खडसे से मिले, जो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले के सिलसिले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए वहां आए थे। दोनों नेताओं ने संक्षिप्त बात की और इस दौरान राउत को खडसे को यह कहते हुए सुना गया कि वह जल्द ही जेल से बाहर होंगे। 

राउत के वकील ने अदालत में क्या कहा
बता दें कि संजय राउत के खिलाफ ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और उनकी पत्नी और सहयोगियों से जुड़े वित्तीय लेनदेन से संबंधित है। राउत के वकील अशोक मुंदरगी ने मंगलवार को अपनी जवावी दलीलें पूरी कीं, जिस दौरान उन्होंने अदालत को बताया कि ईडी द्वारा राउत के खिलाफ लगाए गए आरोप ‘‘स्वाभाविक रूप से अविश्वसनीय हैं और उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता।’’ मुंदरगी ने अदालत को बताया कि कथित लेनदेन साल 2008 से 2012 तक के हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एक दशक हो गया है और आरोप केवल 3.85 करोड़ रुपये का है।’’ ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मुंदरगी द्वारा दी गई कुछ नयी दलीलों का विरोध करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। अदालत ने सहमति जताते हुए मामले की अगली सुनवायी 21 अक्टूबर को तय की और राउत की न्यायिक हिरासत तब तक के लिए बढ़ा दी। 

क्या है मामला जिसमें फंसे हैं संजय राउत
ईडी ने राउत को पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना के संबंध में धनशोधन के आरोप में इस साल जुलाई में गिरफ्तार किया था। उपनगरी क्षेत्र गोरेगांव में 47 एकड़ में फैली पात्रा चॉल को सिद्धार्थ नगर के नाम से भी जाना जाता है और उसमें 672 किरायेदार परिवार हैं। 2008 में, महाराष्ट्र गृहनिर्माण एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) ने एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की एक सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को चॉल के पुनर्विकास का अनुबंध सौंपा। जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने थे और म्हाडा को कुछ फ्लैट देने थे। वह शेष जमीन निजी डेवलपर्स को बेचने के लिए स्वतंत्र था। हालांकि, ईडी के अनुसार, पिछले 14 वर्षों में किरायेदारों को एक भी फ्लैट नहीं मिला, क्योंकि कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास नहीं किया, बल्कि अन्य बिल्डरों को भूमि के टुकड़े और फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) 1,034 करोड़ रुपये में बेच दिये। 
 

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