लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। EVM का जिन्न एक बार फिर बाहर तब आया, जब एलन मस्क ने EVM हैक होने को लेकर 'एक्स' पर एक पोस्ट किया। इस बीच, महाराष्ट्र में मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से निर्वाचित रविंद्र वायकर के रिश्तेदार के कथित तौर पर 4 जून को मतगणना केंद्र के भीतर मोबाइल इस्तेमाल का मामला भी सामने आ गया। अब इसे लेकर शिवसेना (शिंदे गुट) नेता और प्रवक्ता संजय निरुपम का बयान आया है।
"...तो यूबीटी एक वोट से जीत रहा था"
संजय निरुपम ने कहा, "जिस दिन से मुंबई उत्तर-पश्चिम का रिजल्ट आया है, तभी से महा विकास अघाड़ी या शिवसेना (यूबीटी) की ओर से गलत खबर चलाया या प्लान किया जा रहा है। कौन-सा ईवीएम फोन से अनलॉक होता है। 1 लाख वोट की काउंटिंग बाकी थी, तभी 2 हजार वोट से यूबीटी के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को गलत विजय बताया गया, लेकिन जब ईवीएम के लास्ट के 1 लाख वोट की काउंटिंग हुई, तो यूबीटी एक वोट से जीत रहा था। उसके बाद अगले दिन सुबह 8 बजे 1550 वायकर और 1501 कीर्तिकर का अंतर आया। जब पोस्टल बैलेट के वोट को अमोल कीर्तिकर और वायकर के वोट में जोड़ा गया, तो वायकर 48 वोट से जीत गए, तभी से शिवसेना (यूबीटी) गलत खबर बना रहे।"
"...तो वो कैसे अनलॉक हो सकता है?"
उन्होंने कहा, "मुंबई के वनराई पुलिस स्टेशन में जो मामला दर्ज हुआ, वो जांच का विषय है, क्या वायकर के साले का है? या फोन का इस्तेमाल काउंटिंग वाली जगह कैसे गया? इसकी जांच होनी चाहिए, जिसने गलत किया, तो करवाई होनी चाहिए। जब मोबाइल से EVM ऑपरेट ही नहीं होता, तो वो कैसे अनलॉक हो सकता है? किस आधार पर राहुल गांधी, प्रशांत भूषण, सिडनी से पढ़े अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव बोल रहे है? यह सोचने वाली बात है।"
"MVA और UBT हार को पचा नहीं पा रही"
शिवसेना प्रवक्ता ने कहा, "अमोल कीर्तिकर के वोट की दो बार रिकाउंटिंग कराई गई। अगर चुनाव आयोग रिकाउंटिंग की इजाजत नहीं देता तो सवाल उठता। पेपर में छपी खबर गलत है। इस पेपर के खिलाफ सरकार, पार्टी और प्रशासन को एक्शन लेना चाहिए, यह बनता है। राज्य सरकार और हमारी पार्टी क्या कार्रवाई करेगी, आने वाले 2-3 दिन में आपको पता चल जाएगा। यह MVA और UBT हार को पचा नहीं पा रही, इसलिए EVM को निशाना बनाया जा रहा, जो बिल्कुल फर्जी खबर चला रहे। UBT के उम्मीदवार को कांग्रेस की वजह से इतना वोट मिला है, यह सच है, इसलिए पार्टी को इसी पर खुश होना चाहिए।"
"पुलिस जांच करेंगी, सच सामने आएगा"
उन्होंने कहा, "CCTV फुटेज की मांग, जो आदित्य ठाकरे या किसी व्यक्ति विशेष की मांग पर कलेक्टर या चुनाव आयोग नहीं देगा, लेकिन कोर्ट का आदेश हुआ तो CCTV शेयर किया जाएगा। मैं खुद भी चुनाव लड़ चुका हूं। किसी भी मोबाइल के जरिए EVM को हैक नहीं किया जा सकता और ना ही OTP आता है, इसलिए राहुल गांधी एक पेपर में छपी गलत खबर को प्रोपगेंडा कर देश को भ्रमित कर रहे हैं। वायकर के रिश्तेदार ने खुद वो मोबाइल इस्तेमाल किया? या चुनाव अधिकारी का वो मोबाइल था, उसकी वनराई पुलिस जांच करेगी और सच सामने आएगा।"
"अगर EVM हैक मोबाइल से होता, तो..."
संजय निरुपम ने कहा, "अगर EVM हैक मोबाइल से होता, तो अंत में जब वोटिंग मशीन से खत्म हुआ, तो रविंद्र वायकर 1 वोट से कैसे आगे थे। अगर ईवीएम हैक हुआ, तो क्या INDIA गठबंधन को 234 और कांग्रेस को 99 सीट मिलती क्या? अगर सवाल रविंद्र वायकर की जीत पर हो रहा है, ऐसे में इसकी जांच होनी चाहिए। अगर महाराष्ट्र सरकार की नीयत खराब होती, तो क्या सीएम की पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ FIR दर्ज होता?"
"ENCORE एजेंसी का एक ऑपरेटर होता है"
उन्होंने कहा, "ENCORE एक संस्था है, जिससे चुनाव आयोग EVM के टेक्निकल ऑपरेट करने, कोई गड़बड़ी मशीन में होने पर उसे दुरुस्त करने की जिम्मेदारी है। हर पोलिंग बूथ पर चुनाव आयोग की ओर से ENCORE एजेंसी का एक ऑपरेटर होता है, जिसका काम सिर्फ मशीन के टेक्निकल समस्या या सहयोग के लिए होता है। मैं 4 लोकसभा चुनाव लड़ चुका हूं, मुझे जो जानकारी है उसके मुताबिक, चुनाव अधिकारियों के अलावा सिर्फ ENCORE एजेंसी के ऑपरेटर को ही मोबाइल साथ ले जाने की इजाजत होती है, क्योंकि उसे चुनाव आयोग ही अप्वॉइंट करता है, यह मोबाइल सुविधा EVM को ठीक करने पर संपर्क करने के लिए किया जाता है। इस ऑपरेटर के पास जो फोन था उस पर कोई OTP नहीं आती, क्योंकि EVM किसी भी मोबाइल से नहीं जुड़ा होता, जिसके लिए OTP की जरूरत हो, ताकि उसे अनलॉक किया जा सके।"
ENCORE के ऑपरेटर वायकर के रिश्तेदार को नोटिस
शिवसेना नेता ने कहा, "मुंबई के गोरेगांव की वनराई पुलिस ने जो ENCORE के ऑपरेटर गुरव और रविंद्र वायकर के रिश्तेदार को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया है, उसमें पता चलेगा कि वायकर के रिश्तेदार ने चुनाव आयोग के गुरव का मोबाइल इस्तेमाल किया? अगर किया तो किस लिए किया? हमारे उम्मीदवार रविंद्र वायकर की इसमें क्या भूमिका थी? वो सब पुलिस की जांच में सामने आएगा, इसलिए कांग्रेस नेता जो प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, वो बिल्कुल फर्जी खबर, जिसका कोई सिर-पैर नहीं है, उस खबर को प्रोपोगेट कर रहे हैं। यह भी उनकी समझ पर सवाल खड़ा करता है, जो विदेशों में पढ़ने का दावा करते हैं।"
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