मुंबई: कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने महाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना की साझेदारी पर सवाल उठाया और कहा कि कांग्रेस को शिवसेना के साथ सरकार में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने यह बात शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत और भाजपा नेता तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात के संदर्भ कही।
उन्होंने कहा, 'यह मुलाकात शिवसेना का राजनीतिक व्यभिचार है। शिवसेना की यही नीति है। किसान बिल पर भी शिवसेना की भूमिका कांग्रेस से अलग है। इसलिए, कांग्रेस को शिवसेना के साथ सत्ता में नहीं रहना चाहिए।' संजय निरुपम ने कहा, "अब सत्तारूढ़ गठबंधन का एक प्रमुख नेता, नेता प्रतिपक्ष से मिलता है, दो-दो घंटे बातें करता है तो सवाल तो उठेंगे ही। ऐसी हरकतें नहीं होनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "शिवसेना ऐसे व्यभिचार के लिए जानी जाती है। वह जिसके साथ रहते हैं उसके साथ रहते भी हैं और नहीं भी रहते हैं। अभी कृषि बिल पाए हुए, कांग्रेस ने इसके खिलाफ अभियान चला रखा है। शिवसेना ने लोकसभा में बिलों का समर्थन किया और राज्यसभा में वोटिंग के दौरान सदन का बहिष्कार करके निकल जाती है।"
निरुपम ने कहा, "महाराष्ट्र में कांग्रेस और NCP की ओर से ऐलान होता है कि हम यह कानून (कृषि बिलों से जुड़ा कानून) लागू नहीं करेंगे और मुख्यमंत्री, जो शिवसेना के हैं, उनकी पार्टी ने इस कानून का समर्थन किया है। तो अब यह बताइये कि ऐसी परिस्थिति में किसानों के मन में एक सम्भ्रम है कि नहीं।"
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा, "शिवसेना इस प्रकार का सम्भ्रम निर्माण करने के लिए जानी जाती है। इसीलिए शुरू से मैं कांग्रेस पार्टी को कह रहा हूं कि आपने अपना विचार, धर्म, व्यवहार सब छोड़कर सत्ता में जिसके साथ भागीदारी की है, वह आपके साथ रिश्ता निभाने वाले नहीं है।"
इन्हीं बातों के आधार पर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने आगे कहा कि शिवसेना कभी भी कांग्रेस को धोखा दे सकती है।