पुणे: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सनातन धर्म में असमानता की कोई गुंजाइश नहीं होने का उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि प्राचीन आस्था देश को जोड़ने वाली शक्ति के रूप में काम करती है। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को एक नया इतिहास लिखा जाएगा जब अयोध्या में आगामी मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। पुणे में मौजूद फडणवीस भाजपा नेता जगदीश मलिक द्वारा शहर में आयोजित आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के ‘सत्संग’ में भी पहुंचे।
फडणवीस ने की धीरेंद्र शास्त्री की सराहना
शास्त्री को बागेश्वर धाम बाबा या महाराज के नाम से भी जाना जाता है। डिप्टी सीएम ने सनातन धर्म के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए शास्त्री के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से पूरा देश सजग हो रहा है। फडणवीस ने कहा, ‘‘भारत जागेगा तो दुनिया जगेगी। हम अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इसके गवाह बनने जा रहे हैं। 22 जनवरी को एक नया इतिहास रचा जाएगा जब भगवान राम के मंदिर (अयोध्या में) का निर्माण पूरा हो जाएगा।’’
क्या है सनातन का अर्थ?
उन्होंने कहा कि कुछ लोग सनातन धर्म के बारे में दुष्प्रचार करते हैं और गलत तरीके से इसे ‘जातिवाद’ से जोड़ते हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्हें सनातन का मतलब नहीं पता। सनातन का अर्थ शाश्वत है और यही भारत का विचार है, जो हम सबको एक सूत्र में बांधता है...असमानता की कोई गुंजाइश नहीं है।’’ (इनपुट- भाषा)
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