मुंबई: एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत की और अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा, "नवाब मलिक पर्सनल बातें कर रहे हैं, घटिया आरोप लगा रहे हैं, मेरी पर्सनल चीजें लीक करके बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।' बता दें कि NCP नेता नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर जाति और धर्म छिपाने का आरोप लगाया है।
नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में बात करते हुए वानखेड़े ने कहा, "इतनी पर्सनल बातें, पिता के नाम के बारे में बातें करना, पर्सनल लेवल पर बहुत ही घटिया बातें हैं। लेकिन कोई बात नहीं, ठीक है, इस मामले में मैंने पहले ही प्रेस रिलीज जारी कर दी है। मेरे फादर का पूरा नाम मैंने बताया है।"
वहीं, उनके शादी को लेकर लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, "कम से कम महिला का सम्मान करो, जिसका परिवार टूटा है, सामने वालों को तो पता नहीं इस चीज का ख्याल है कि नहीं कि जब एक फैमिली ब्रेक होती है तो उसके फोटोज भी आप लीक करते हो।"
इसके अलावा आपको बता दें कि मादक पदार्थ मामले में अपने ऊपर लगे वसूली के आरोपों के खिलाफ समीर वानखेड़े सोमवार को महानगर की एक विशेष अदालत पहुंच गये। एनसीबी और वानखेड ने अदालत में हलफनामे दाखिए किए हैं। मादक पदार्थ रोधी एजेंसी और वानखेड़े ने अदालत में दाखिल हलफनामे में कहा कि यह मामले में बाधा उत्पन्न करने और जांच को बाधित करने का एक प्रयास है।
गौरतलब है कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने तीन अक्टूबर को मुंबई के तट के पास, गोवा जा रहे एक क्रूज़ पोत पर छापेमारी के बाद शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (23) और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने क्रूज़ से मादक पदार्थ जब्त करने का दावा किया है। है। आर्यन अभी मुंबई की आर्थर जेल में बंद है। उनकी जमानत याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय मंगलवार को सुनवाई करेगा।
एनसीबी ने हलफनामें में अनुरोध किया है कि मामले के सबूतों के साथ छेड़छाड़ जांच बाधित नहीं होनीं चाहिए, जबकि वानखेड़े ने उनके खिलाफ सभी आरोपों को खारिज कर दिया। मामले में 'स्वतंत्र गवाह' प्रभाकर सैल ने रविवार को दावा किया था कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के एक अधिकारी और कथित तौर पर फरार गवाह केपी गोसावी सहित अन्य ने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की है।
सैल ने पत्रकारों से कहा था कि आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और मामला 18 करोड़ रुपये पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था, क्योंकि उन्हें ‘‘आठ करोड़ रुपये समीर वानखेडे (एनसीबी के जोनल निदेशक) को देने थे।’’ सैल ने दावा किया था कि वह जल्द ही सबूत भी पेश करेंगे।
एनसीबी और वानखेड़े ने सोमवार को अदालत को सौंपे गए अपने हलफनामे में इन दावों को खारिज किया है। वानखेड़े ने रविवार को मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिख, अज्ञात लोगों द्वारा कथित सतर्कता संबंधी मामले में फंसाने के लिये उनके खिलाफ ''योजनाबद्ध'' कानूनी कार्रवाई किए जाने से सुरक्षा मांगी की थी।
वर्ष 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी वानखेड़े ने किसी का नाम लिए बिना दावा किया कि अत्यधिक सम्मानित सार्वजनिक लोगों ने उन्हें मीडिया के माध्यम से जेल भेजने और बर्खास्तगी की धमकी दी।