मुंबई: एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर लगे वसूली के आरोपों की जांच जहां विभागीय स्तर पर शुरू हो गई है वहीं मुंबई पुलिस ने भी एनसीबी और नवाब मलिक पर लगे आरोपों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। मुंबई पुलिस के चार अधिकारी एनसीबी और नवाब मलिक के खिलाफ मुंबई पुलिस में दर्ज शिकायतों की जांच करेंगे। इस संबंध में संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून व्यवस्था विश्वास नागरे पाटिल की तरफ से आदेश जारी किया गया है।
इस जांच के लिए मुंबई पुलिस बल के विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। अपर पुलिस आयुक्त दिलीप सावंत पर्यवेक्षक होंगे जबकि पुलिस उपायुक्त हेमराज सिंह राजपूत सहायक पर्यवेक्षक होंगे। उधर, आर्यन खान के मामले में समीर वानखेड़े पर 25 करोड़ रूपये की डील करने के आरोप की जांच अब एनसीबी का ही विजिलेंस डिपार्टमेंट कर रहा है। विजिलेंस की टीम ने बुधवार को समीर वानखेड़े से करीब चार घंटे तक पूछताछ की। समीर वानखेड़े ने कहा कि उन पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वो सब गलत और निराधार हैं।
मुंबई पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि उन्हें चार आवेदन मिले हैं जिनमें एनसीबी की मुंबई क्षेत्रीय इकाई के निदेशक समीर वानखेड़े और अन्य अधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप लगाए गए हैं तथा इन दावों की जांच के लिए छानबीन की जा रही है। इनमें से एक आवेदन मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल का है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि उन्होंने क्रूज़ जहाज छापेमारी मामले में के पी गोसावी और अन्य गवाहों को फोन पर किसी सैम डिसूजा से बात करते सुना था। सैल के मुताबिक, बातचीत में 25 करोड़ रुपये की मांग का जिक्र था, जिसमें से आठ करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को दिए जाने थे।
एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस को महाराष्ट्र के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक के खिलाफ भी दो आवेदन मिले हैं। लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। मलिक ने वानखेड़े पर कई आरोप लगाए हैं जिनमें अवैध तरीके से फोन टैप करना और नौकरी के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करना शामिल है। सैल ने मंगलवार को कहा था कि वह वानखेड़े और अन्य के खिलाफ जबरन वसूली की मांग के अपने आरोप पर कायम हैं और किसी ने उन्हें बरगलाया नहीं है।