लोकसभा चुनाव के बीच समाजवादी पार्टी के विधायक ने बीजेपी पर हमला बोला है। भिवंडी पूर्व से समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने आरोप लगाया है कि राज्य शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में मानस के श्लोक और भगवद गीता को शामिल करना साफ तौर पर यह जाहिर करता है कि किस तरह बीजेपी हिंदू राष्ट्र के एजेंडे पर काम कर रही है। सपा के विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के नाम पर भाजपा शासित राज्यों में स्कूली शिक्षा का भगवाकरण किया जा रहा है।
'धर्म और शिक्षा अलग-अलग है'
विधायक रईस शेख ने आगे कहा कि धर्म और शिक्षा अलग-अलग है। भारत का संविधान शिक्षा में धर्म को प्रवेश करने की अनुमति नहीं देता है। इसे स्पष्ट करते हुए विधायक शेख ने कहा कि 'एससीईआरटी' ने स्कूल के सिलेबस में भगवदगीता, मानस श्लोक और मनुस्मृति को शामिल कर भारतीय संविधान के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन किया है।
आपत्ति करने पर छात्रों को निकाल दिया जाएगा
आगे विधायक ने कहा कि स्कूल प्रशासन के नए सिलेबस के संदर्भ में आपत्ति करने की स्थिति में छात्रों को स्कूल से निकालने की अनुमति दे दी गई है। यह फैसला राष्ट्रीय बाल अधिकार शिक्षा (आरटीई) अधिनियम के खिलाफ है। शिक्षा की परंपरा को बदलने की आड़ में भाजपा की सरकारें शिक्षा को धर्म के रंग में रंग रही हैं। विधायक रईस शेख ने दावा किया है कि नई पाठ्यपुस्तकें पूर्वाग्रह और भेदभाव पर आधारित बनाई जा रही हैं।
आगे फिर सपा विधायक ने कहा कि पहले भी जब अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हुआ तो राज्य के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने मुंबई नगर निगम के स्कूलों में भगवान राम के विषयों पर निबंध, पेंटिंग, कविता और नाटक प्रतियोगिताओं के आयोजन का आदेश दिया था। उस समय समाजवादी पार्टी ने इन प्रतियोगिताओं का विरोध किया था।
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