Sunday, December 22, 2024
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सामना ने संपादकीय में BJP नेता किरीट सोमैया को बताया देशद्रोही, कहा- जूते मारो!

विक्रांत युद्धपोत के हिंदुस्थानी नौसेना से निवृत्ति के समय सिर्फ सेना ही नहीं, बल्कि पूरा देश हिल गया था। इसी युद्धपोत ने १९७१ की जंग में कराची, चटगांव बंदरगाह को खाक कर दिया था।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : April 08, 2022 8:56 IST
Saamna Editorial and BJP leader Kirit Somaiya
Image Source : INDIA TV Saamna Editorial and BJP leader Kirit Somaiya 

Highlights

  • सामना संपादकीय: देशद्रोही सोमैया को जूते मारो!
  • भाजपा नेता किरीट सोमैया पर किया कटाक्ष
  • सोमैया द्वारा की गई पैसों की बेईमानी सीधे-सीधे देश के साथ धोखाधड़ी है- सामना संपादकीय

भ्रष्टाचार के मामले में नाक से प्याज छीलनेवालों की नाक आईएनएस विक्रांत प्रकरण में स्पष्ट रूप से कट गई है। अण्णा हजारे व देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाला कोई बचा होगा तो उसे भाजपा के भ्रष्टाचार की इस ‘विक्रांत फाइल’ की जांच करनी चाहिए। बांग्लादेश युद्ध में हिंदुस्थान को जीत दिलानेवाले ‘विक्रांत’ युद्धपोत का भी भाजपा के ‘महात्मा’ किरीट सोमैया व उनके पुत्र नील ने किस तरह से शोषण किया, इसका सत्य उफान मारकर बाहर आ गया है। विक्रांत युद्धपोत के हिंदुस्थानी नौसेना से निवृत्ति के समय सिर्फ सेना ही नहीं, बल्कि पूरा देश हिल गया था। इसी युद्धपोत ने १९७१ की जंग में कराची, चटगांव बंदरगाह को खाक कर दिया था।

पाकिस्तानी नौसेना को समुद्र की तलहटी में पहुंचा दिया था। ऐसे युद्धपोत को कबाड़ में निकालने की बजाय उसे हमेशा के लिए युद्ध स्मारक बनाया जाए और आनेवाली पीढ़ियों को इससे प्रेरणा मिले, ऐसी भूमिका तैयार हुई। परंतु ‘विक्रांत’ को बचाने के लिए आवश्यक दो सौ करोड़ का सवाल खड़ा हो गया। तब राज्य सरकार एवं केंद्र ने हाथ झटक दिया। केंद्र में यूपीए तथा महाराष्ट्र में कांग्रेस व राष्ट्रवादी की तब सत्ता थी। इसलिए इन दोनों सरकारों में राष्ट्र भावना वगैरह नहीं है, ऐसा आरोप लगाते हुए ‘महात्मा’ सोमैया आगे आए और उन्होंने लोगों से चंदा जुटाकर ‘विक्रांत’ के लिए जरूरी धन एकत्रित करके राजभवन में जमा करेंगे, ऐसी घोषणा की।

उन्होंने मुंबई सहित महाराष्ट्र में बड़े-बड़े डिब्बे घुमाकर आम जनता तथा व्यापारियों से करोड़ों रुपए जुटाए। इन तमाम पैसों का क्या हुआ? क्योंकि ‘विक्रांत’ को कबाड़ में जाना था, वह चला ही गया व ‘विक्रांत’ के नाम पर जुटाए गए करोड़ों रुपए राजभवन के खाते में जमा ही नहीं हुए, ऐसा वर्तमान भाजपा समर्थित राज्यपाल द्वारा ही बताए जाने से भाजपा के महात्मा किरीट सोमैया और उनके दिव्य पुत्र द्वारा देश के नाम पर की गई लफंगागीरी सामने आई। भारतीय जनता पार्टी के ऐसे लोगों का राष्ट्र प्रेम, हिंदुत्व कितना खोखला है इसका यह सबसे बड़ा प्रमाण मतलब ‘विक्रांत’ युद्धपोत के नाम पर किया गया भ्रष्टाचार और उस भ्रष्टाचार की भाजपा के समर्थन से शुरू हुई वकालत है!

देश के लाखों सैनिक खून बहा रहे हैं, युद्ध में बलिदान दे रहे हैं। उस बलिदान का कालाबाजार करनेवाले किरीट सोमैया जैसे देशद्रोही की वकालत करनेवाले देवेंद्र फडणवीस से महाराष्ट्र को घृणा होने लगी है। क्या यही आपका देशप्रेम है? क्या यही आपका ‘वंदे मारतम’ है? यही आपका ‘जय जवान’ है? भ्रष्टाचार का पक्ष लेना अलग बात है, परंतु महाराष्ट्र द्वेष के कारण तथा शिवसैनिकों के प्रति नफरत के कारण अंधे हुए भाजपाई नेता ‘विक्रांत’ के भ्रष्टाचार से सने हुए सोमैया के हाथ में फूलों का गजरा बांधने लगे हैं।

सोमैया द्वारा की गई पैसों की बेईमानी सीधे-सीधे देश के साथ धोखाधड़ी है। श्री फडणवीस इस मुद्दे पर चुप रहने की बजाय अपनी छवि को धूल में मिला रहे हैं। किरीट सोमैया ने युद्धपोत ‘विक्रांत’ के पैसों का गबन किया है। इसका सबूत उन्हीं के पार्टी कार्यालय से मतलब महाराष्ट्र के राजभवन से आगे आया है। फिर अब राजभवन के पीछे भी ईडी वगैरह का झमेला लगाओगे क्या? सोमैया ने ‘विक्रांत’ के नाम पर जमा किए गए करोड़ों रुपए का क्या किया? यह पैसा उन्होंने किस माध्यम से ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ करके कहां उपयोग किया। पीएमसी बैंक के माध्यम से इन करोड़ों रुपयों को उन्होंने काले से सफेद किया क्या? ये ‘राष्ट्रीय’ सवाल असल में हमारे नवहिंदुत्व वादी विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के मन में उठना चाहिए था। परंतु वे ‘विक्रांत’ युद्धपोत घोटाला करनेवाले के पक्ष में खड़े हो गए।

इसलिए भारतीय जनता पार्टी का पूरी तरह से वस्त्रहरण हो गया। सोमैया जैसों का भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष हमेशा ही ब्लैकमेलिंग का सौदा रहा। ‘विक्रांत’ युद्धपोत बचाने के लिए जमा किए गए ५८ करोड़ हड़पने का एक मामला अभी सामने आया है। देश के लाखों लोगों ने किरीट सोमैया द्वारा महाराष्ट्र व देशभर में घुमाए गए डिब्बे में पैसे डाले। उन लाखों लोगों से ठगी हुई। ये पैसा भाजपा की तिजोरी में नहीं गया होगा तो फिर कहां गया?

भारतीय जनता पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने पुणे के अस्पताल में जाकर इसी सोमैया की पीठ थपथपाई थी। चंद्रकांत दादा पाटील अब इस देशद्रोही, भ्रष्टाचारी की पीठ थपथपाएंगे क्या? किरीट सोमैया व उनके बेटे ने सैनिकों के बलिदान को सरेबाजार नीलाम कर दिया। भारतीय जनता पार्टी का झंडा लगाकर ‘कमल’ को साक्षी रखकर उन्होंने हिंदुत्व से व्यभिचार किया। कानूनी कार्रवाई होगी ही, परंतु ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। जहां जाएं वहां फटे जूतों से ऐसे देशद्रोही लोगों का स्वागत करना चाहिए। सैनिकों के बलिदान का, हिंदुस्थानी युद्धपोत का अपमान देश सहन नहीं करेगा!

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