नागपुरः हमको अपने देश को बड़ा करना है, हमें अपने देश का दुख दर्द मिटाकर आगे चलना है। यह बात आरएसएस प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कही। आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि अपना देश बड़ा बने इसकी आवश्यकता दुनिया को है। दुनिया को ठीक रास्ता दिखाने का काम हिंदुस्तान को करना है। इसके लिए हिंदुस्तान को सारे मतभेद छोड़कर एक बनकर, स्वार्थ छोड़कर, देश के लिए जीने मरने का संकल्प से अपना जीवन जीना है।
मोहन भागवत ने कही ये बात
मोहन भागवत ने कहा कि ऐसा जीवन हमारे लोगों ने जिया तो हमें स्वतंत्रता मिली। भारत को सामर्थवान बनाना है। विश्व गुरु बनाना है। हमको भी उसी प्रकार तपस्या करनी पड़ेगी। उस तपस्या के लिए हमारे आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज हैं।
आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि दोस्ती करना आसान काम नहीं है, दोस्ती करने के लिए पहले खुद को भला बनना पड़ता है। हम अच्छे हैं तो सारी दुनिया हमारे दोस्त बनती है। हम गड़बड़ है तो दुनिया में दुश्मन भी दुश्मन नजर आते हैं।
श्री शिव जन्मोत्सव में की शिरकत
उन्होंने कहा कि जोड़ना तो आसान है, चुंबक लोहे का टुकड़ा उसमें चिपक जाता है। दूसरा पारस होता है, पारस का पत्थर जिसको लोहा लग जाए तो लोहा सोना बन जाता है। लेकिन शिवाजी महाराज की दोस्ती उससे भी आगे की थी और लोहे को सिर्फ जोड़ते नहीं थे, मनुष्य को सिर्फ जोड़ते नहीं थे, उसको सिर्फ सोना नहीं बनाते थे, दूसरे को गुणवान बनाने की ताकत भी उसमें भरते थे। आरएसएस के सरसंचालक डॉक्टर मोहन भागवत गुरुवार को नागपुर में श्री शिव जन्मोत्सव सोहला के व्याख्यान के कार्यक्रम में यह वक्तव्य दिए।