नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय में सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने ध्वजारोहण किया। इस दौरान डॉ. मोहन भागवत ने भारत माता का पूजन किया। उनके मंच पर राम मंदिर के बैनर भी लगा था। इस दौरान डॉ मोहन भागवत ने परेड का निरीक्षण भी किया और मुख्यालय में उपस्थित लोगों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। डॉ मोहन भागवत ने कहा कि आज ऐसा देख रहे हैं कि हम धर्म क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। यह शक्ति कहां से आई, यह शक्ति हमेशा थी। 22 जनवरी को एक वातावरण उत्पन्न हुआ, वैसे इस दिन भी वातावरण उत्पन्न होता है।
संविधान की बातों का पालन करना भी जरूरी
उन्होंने कहा कि संविधान को हमने अपने आपको दिया, उसका पालन करना भी एक बात है। क्योंकि बाबासाहेब ने कहा था, संविधान का व्यवहार महत्वपूर्ण बात है। आज के दिन सभी लोग जिस तरह से एक साथ हर साल गणतंत्र दिवस मनाते हैं, वैसे सब देश एक मत हो जाए, सब लोग तिरंगा फहराएं, सब लोग दिल्ली का कार्यक्रम टीवी पर देखें। उन्होंने कहा कि अपना गणराज्य है यानी प्रजा का राज्य है, इसको प्रजा को चलना है। सरकार की उसमें एक भूमिका है, सांसदों की उसमें भूमिका है, इस संविधान को सुरक्षित रखना, इस संविधान को लागू करना यह टेक्निकली सरकार का काम है परंतु वास्तविक रूप से यह अपने व्यवहार का काम है। इसलिए संविधान का थोड़ा अध्ययन करें।
संविधान ने नागरिकों को दिए अधिकार
उन्होंने कहा कि मोटा-मोटी चार बातें हैं जो संविधान का प्राण हैं। संविधान की अपनी प्रस्तावना है, संविधान में नागरिक कर्तव्य दिए हैं, संविधान में नागरिकों को हक दिए हैं, मार्गदर्शक तत्व दिए हैं, यह बातें बदलती नहीं हैं। हमारे यहां सब प्रकार की स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने बंधुभाव की बात पर जोर दिया। भारतवर्ष के जन की ताकत परम्पार है, वह कभी भी कम नहीं थी। ऐसा भारतवर्ष आएगा, जब हम 40 साल पहले यह कहते थे तो अपने ही लोग मजाक उड़ाते थे। आज हम ऐसा देख रहे हैं। आज हम धर्म क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। जन-जन की अपेक्षा है कि भारत विश्व गुरु बने, हममें इतना सामर्थ्य है।
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