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चरम पर शिवसैनिकों की गुंडागर्दी! पूर्व नेवी अफसर को बेरहमी से पीटा, घटना CCTV में कैद

महाराष्ट्र में शिवसैनिकों की गुंडागर्दी का एक और मामला सामने आया है। अभिनेत्री कंगना रानौत के कार्यालय की तोड़फोड़ करके अपनी मर्दानगी दिखाने वाले सत्ताधारी शिवसेना ने अब सत्ता के नशे में एक बुजुर्ग भूतपूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा के साथ जमकर मारपी

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 11, 2020 20:52 IST
Resident of Thakur complex beaten by shivshanik for forwarding social media content about government- India TV Hindi
Resident of Thakur complex beaten by shivshanik for forwarding social media content about government

मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसैनिकों की गुंडागर्दी का एक और मामला सामने आया है। अभिनेत्री कंगना रानौत के कार्यालय की तोड़फोड़ करके अपनी मर्दानगी दिखाने वाले सत्ताधारी शिवसेना ने अब सत्ता के नशे में एक बुजुर्ग भूतपूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा के साथ जमकर मारपीट की है जिससे उनकी आंख पर काफी चोट लगी है। इस मामले मे मुम्बई के समता नगर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है लेकिन गिरफ्तारी किसी की नही हुई है। राज्य सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया कंटेंट को शेयर करने से शिवसैनिक नाराज थे ऐसे में एक पूर्वे नौसेना अधिकारी को बुरी तरह पीट दिया है। इससे पहले शिवसेना की कंगना रनौत मामले में भी काफी फजीहत हो चुकी है। 

कितनों का मुंह बंद कराएंगे, मेरी आवाज दूर तक जाएगी: कंगना रानौत ने ठाकरे से कहा 

मुंबई के बीएमसी अधिकारियों द्वारा कंगना रनौत के कार्यालय के कुछ हिस्सों को गिराने के एक दिन बाद, अभिनेत्री ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर '' सत्ता के दुरुपयोग '' का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा और घोषणा की कि उनकी आवाज दूर तक जाएगी। इस घटनाक्रम में फिल्म जगत के कई लोग रनौत के समर्थन में आगे आए हैं। रनौत ने शिवसेना के नेतृत्व वाले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की गुंडों से तुलना करते हुए कई ट्वीट् पोस्ट किए, जिसमें राज्य सरकार को एक ‘‘मिलावटी सरकार’’ कहकर मराठी संस्कृति को याद करने की नसीहत दी गई। अभिनेत्री (33) बुधवार को ही अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश से मुम्बई लौटी हैं। 

उन्होंने आरोप लगाया है कि शिवसेना से टकराव के कारण महाराष्ट्र सरकार उन्हें निशाना बना रही है। शिवसेना नीत बीएमसी ने बुधवार को अभिनेत्री के बांद्रा स्थित बंगले में किए गए कुछ अवैध निर्माण को तोड़ दिया था। हालांकि बंबई उच्च न्यायालय ने बाद में प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि मुम्बई पुलिस और महाराष्ट्र के बारे में कंगना के एक हालिया बयान से विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने दावा किया था कि वह मुम्बई में असुक्षित महसूस करती हैं। इसके बाद शिवसेना के नेता संजय राउत ने उनसे मुम्बई वापस नहीं आने को कहा था। 

राउत के इस बयान के बाद अभिनेत्री ने मुम्बई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से की थी। कंगना ने राकांपा-शिवसेना-कांग्रेस की राज्य सरकार पर तंज कसा और कहा कि शिवसेना की विचारधारा से समझौता किया गया है।   उन्होंने ट्वीट किया,‘‘जिस विचारधारा पर श्री बाला साहेब ठाकरे ने शिवसेना का निर्माण किया, आज शिवसेना से सोनिया सेना बनकर उसने सत्ता के लिए वह विचारधारा बेच दी है। जो गुंडे मेरी पीठ के पीछे मेरे घर को तोड़ते हैं, उन्हें नागरिक निकाय न कहें। संविधान का अपमान ना करें।” 

रनौत ने ठाकरे को भाई-भतीजावाद का एक प्रमुख उदाहरण बताया जो उनकी आवाज को दबाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा,‘‘आपके पिता के अच्छे कर्म आपको धन दे सकते हैं, लेकिन आपको सम्मान अर्जित करना होगा, आप मेरा मुंह बंद कर देंगे, लेकिन मेरी आवाज मेरे बाद सौ करोड़ लोगों में गूंज उठेगी, आप कितने मुंह बंद करेंगे?’’ “आप कितनी आवाजें दबाएंगे? कब तक आप सच्चाई से दूर भागेंगे, आप वंशवाद के एक उदाहरण के अलावा और कुछ नहीं हैं।” इस घटना में कंगना को मिले समर्थन के लिए उन्होंने लोगों का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा , ‘‘मेरे कई मराठी दोस्त कल फोन पर रो रहे थे। कुछ ने मुझे मदद के लिए कई संपर्क दिए। कुछ लोग घर पर खाना भेज रहे थे, जिसे मैं सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण स्वीकार नहीं कर सकी।” 

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार की शर्मनाक हरकत से मराठी संस्कृति और गौरव को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए।’’ फिल्म जगत के कई लोगों ने बीएमसी की कार्रवाई की आलोचना की। अभिनेत्री दीया मिर्जा ने कहा कि वह रनौत का कार्यालय गिराने के साथ-साथ रिया चक्रवर्ती के साथ हुए‘‘उत्पीड़न और दुर्व्यवहार ’’ की भी निंदा करती हैं। उन्होंने कहा,‘‘यह पक्ष लेने के बारे में नहीं है। यह अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के बारे में है। याद रखें कि यह आपके साथ भी हो सकता है।’’ फिल्मकार रीमा कागती ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं कंगना के कार्यालय गिराने और रिया की के उत्पीड़न की निंदा करती हूं। हां मैं इन दोनों चीजों के खिलाफ खड़ी हो सकती हूं।’’ 

अभिनेता रेणुका शहाणे भी, रनौत के समर्थन में सामने आईं। हालांकि उन्हें रनौत की मुंबई की पीओके से तुलना करने वाली टिप्पणी पसंद नहीं आई, लेकिन उन्हें बीएमसी की यह कार्रवाई निंदनीय लगी। शहाणे ने लिखा,‘‘आपको इतना नीचे गिरने जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री कृपया हस्तक्षेप करें। हम फिलहाल एक महामारी से निपट रहे हैं। क्या हमें इस अनावश्यक नाटक की आवश्यकता है?’’ कश्मीरी पंडितों पर फिल्म बनाने के फैसले को लेकर फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने रनौत का समर्थन किया। उन्होंने कहा,‘‘उसने एक त्रासदी पर फिल्म बनाने की इच्छा व्यक्त की है और हम इसमें उसके साथ हैं। मुझे यकीन है कि यह फिल्म रिलीज होने पर हमारी त्रासदी की सही तस्वीर दिखेगी। यह उन फिल्म निर्माताओं पर भी एक थप्पड़ होगा जिन्होंने इस त्रासदी का मजाक उड़ाया है।धन्यवाद कंगना जी।” 

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