Highlights
- अभी RSS की शाखा में जाइए, बहुत से हथियार मिलेंगे: खलील उर रहमान
- रहमान ने पूछा कि RSS ने बम ब्लास्ट करवाए हैं, क्या उधर बुलडोजर चलेगा?
- अगर उंगली का नाखून बढ़ जाता है तो नाखून काटते हैं, उंगली नहीं: रहमान
मुंबई: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों के सर्वे और असम सरकार द्वारा मदरसों पर बुलडोजर चलने को लेकर मुसलमानों के एक तबके में काफी रोष है। मुस्लिम संगठन रजा अकादमी ने भी मदरसों का सर्वे करवाने के यूपी सरकार के फैसले का विरोध किया है और कहा है कि 2014 के बाद से ही देश में मुसलमान निशाने पर हैं। रजा अकादमी के सचिव खलील उर रहमान ने असम सरकार द्वारा मदरसों पर हुई कार्रवाई पर कहा कि मदरसे में कोई संदिग्ध मिले तो मामला कोर्ट में जाता है, प्रूफ हुए बिना ऐसी कार्रवाई में करता कोई और है और भरता कोई और है।
‘यूपी सरकार के निशाने पर मुसलमान है’
रजा अकादमी के सचिव खलील उर रहमान ने कहा, ‘यूपी सरकार के निशाने पर मुसलमान है। सिर्फ मदरसों का ही सर्वे क्यों करवा रहे हैं, RSS की शाखाओं का क्यों नहीं? सरकार का हक है कि हिसाब हो, लेकिन यह सरकार जिनको मदद नहीं दे रही उनका क्यों सर्वे करवा रही है। हम उस पर उंगली उठा रहे हैं। आप जिसको सैलरी नहीं देते, उनको क्यूं पूछ रहे हैं?’ मदरसों से पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर खलील उर रहमान ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ कर कौन से बच्चे डॉक्टर या इंजीनियर बन जाते हैं।
‘RSS ने ब्लास्ट करवाए, वहां बुलडोजर चलेगा?’
रजा अकादमी के सचिव ने आगे कहा, ‘अभी RSS की शाखा में जाइए, बहुत से हथियार मिलेंगे। वहां बहुत सारी ऐक्टिविटी होती रहती है। RSS ने बम ब्लास्ट करवाए हैं, क्या उधर बुलडोजर चलेगा?’ मदरसों में हो रही पढ़ाई के बारे में पूछे जाने पर रहमान ने कहा, ‘हम मदरसे में प्रमुख तौर पर कुरान पढ़ाते हैं। इसके अलावा अरबी, उर्दू, इंग्लिश सब पढ़ाते हैं। हमारे मदरसों में हर चीज पढ़ाई जाती है, हम सिर्फ कुरान नहीं पढ़ाते। अगर उंगली का नाखून बढ़ जाता है तो नाखून काटते हैं, उंगली नहीं, लेकिन असम की शर्मा हुकूमत सीधा बुलडोजर चलाती है।’
‘2024 की तैयारी है कि मुसलमानों को डराओ’
खलील उर रहमान ने कहा, ‘यह माहौल को खराब कर रहे हैं। 2024 की तैयारी है कि मुसलमानों को डराओ। मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे गरीब घरों से आते हैं। उनके मां बाप मजदूरी करते हैं जो पढ़ाई अफोर्ड नहीं कर सकते। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कहां होती है। मेरे बच्चे मदरसे में पढ़ते हैं। बहुत से पैसे वाले लोग अपने बच्चों को अरबी और कुरान पढ़वाने के लिए ट्यूशन लगाते हैं। वे बाकी सब्जेक्ट स्कूल में पढ़वाते हैं, लेकिन जो गरीब हैं वे अपने बच्चों को मदरसे में भेजते हैं।’