
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में ऐलान किया है कि 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का डिजाइन तैयार करने वाले 99 वर्षीय मूर्तिकार राम सुतार को राज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'महाराष्ट्र भूषण' से सम्मानित किया जाएगा। महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार के तहत 25 लाख रुपये और एक स्मृति चिह्न से नवाजा जाता है। इस पुरस्कार के लिए 12 मार्च को मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया।
राम सुतार विशालकाय मूर्तियां बनाने के लिए प्रसिद्ध है। 'स्टैचू आफ यूनिटी' का निर्माण करने वाले शिल्पकार राम सुतार को भारत सरकार पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित कर चुकी है। राम सुतार जेजे स्कूल ऑफ ऑर्ट्स से पढ़ाई कर चुके हैं और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के साथ मिलकर एलोरा गुफाओं से अपने काम की शुरुआत की। इसके कुछ सालों बाद उन्होंने मूर्ति बनाने का काम शुरू किया।
महात्मा गांधी से प्रभावित
राम सुतार महात्मा गांधी से काफी प्रभावित हैं। राम सुतार बताते हैं, "गांधीजी विदेशी कपड़ों के बहिष्कार का आंदोलन चला रहे थे और वह महाराष्ट्र के धुलिया गांव में आए थे, वहीं मुलाकात हुई थी। उनसे प्रेरित होकर मैंने भी अपनी टोपी जला दी थी। इसके बाद दिल्ली आया। यहां उनसे मिलता रहता था। उनके ही माध्यम से पंडित जवाहर लाल नेहरू से मिला। 1961 में जवाहर लाल नेहरू ने प्रधानमंत्री आवास में बुलाया था। वह काफी प्रोत्साहित करते थे।
पीएम मोदी की मूर्ती बनाने की इच्छा
राम सुतार कहते हैं कि उन्होंने सबसे ज्यादा मूर्ति अभी तक गांधी की बनाई है, वहीं आगे चलकर अगर उन्हें मौका मिला तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी मूर्ति बनाएंगे। राम सुतार अब तक कई सारी मूर्तियां बना चुके हैं। जब पीएम मोदी को उनकी कला के बारे में पता चला तो पीएम मोदी ने उन्हें एक सैंपल बनाने की बात कही। राम सुतार ने पीएम मोदी को सरदार वल्लभभाई पटेल की ही मूर्ति बनाकर दी, जिसका आकार थोड़ा छोटा था। पीएम मोदी ने जैसे ही इस मूर्ति को देखा वो इनकी कला से इतने प्रभावित हो गए कि उन्होंने तुरंत काम शुरू करने की बात कह दी, जिसके बाद आज दुनिया के सामने दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति शान से खड़ी है।
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