महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में मुंबई-गोवा राजमार्ग पर एक पुल के नीचे विस्फोटक जैसा उपकरण बरामद हुआ है, जिसे स्थानीय पुलिस ने ‘बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड’ (बीडीडीएस) की मदद से निष्क्रिय कर दिया। रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घारगे ने बताया कि उपकरण किसी ‘डेटोनेटर’ से नहीं जुड़ा था और इसमें कोई विस्फोटक नहीं मिला। अधिकारी ने बताया कि भोगवती नदी पर बने एक पुल के नीचे गुरुवार शाम करीब 6 बजे इलेक्ट्रिक सर्किट और एक घड़ी से जुड़ी 6 जिलेटिन की छड़ें बरामद होने के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया था।
विस्फोटक में वॉच लगी और केबल कनेक्ट थी
रायगढ़ में बरामद विस्फ़ोटक नष्ट कर दिया गया है। बम डिस्पोजल यूनिट ने इस नष्ट किया। ATS, लोकल क्राइम ब्रांच और रायगढ़ पुलिस मामले की जांच कर रही है। विस्फोटक कैसे आया कौन लाया और पानी में कहां से बहकर आया, इन सभी सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं। सूत्रों ने इंडिया टीवी को बताया कि मामला संदिग्ध है। उन्होंने बताया कि जो विस्फोटक मिला है उसमें वॉच लगी थी और केबल कनेक्ट थी, इतना ही नहीं इसमें डायनामाईट जैसी चीजें भी लगी थीं, लेकिन डेटोनेटर नहीं था। इसलिए ये पहाड़ी पर ब्लास्ट करने वाले विस्फ़ोटक नहीं लग रहे हैं। क्योंकि इसमें घड़ी होने से शक गहराता जा रहा है। साथ ही जिस तरह से विस्फ़ोटक को केबल से कनेक्ट किया गया है, पहाड़ी पर डेटोनेटर लगाकर ब्लास्ट के लिए ऐसी मॉडस ऑपरेंडी इस्तेमाल नहीं होती है।
देर रात करीब दो बजे तक हो पाया निष्क्रिय
रायगढ़ पुलिस, राज्य का आतंकवाद रोधी दस्ता (ATS) और नवी मुंबई के बम निरोधक दस्ते के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘देर रात बीडीडीएस का एक दल उपकरण को एक खाली स्थान पर ले गया और बिजली के सर्किट और जिलेटिन की छड़ों को अलग करते हुए उसे निष्क्रिय कर दिया।’’ उन्होंने बताया कि अभियान देर रात करीब दो बजे पूरा हुआ। घारगे ने कहा, ‘‘विस्तृत जांच के लिए उपकरण को फॉरेंसिक साइंस प्रयोगशाला भेजा गया है।’’ उन्होंने बताया कि रायगढ़ पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मौके से एक किलोमीटर तक के दायरे में व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि मामले में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।