पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट मामले में जिन दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से एक ही तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आई है। दरअसल, इस केस में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ससून अस्पताल के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोपी नाबालिग की ब्लड रिपोर्ट में हेरफेर करने का आरोप है। डॉ. श्रीहरि हरलोर और डॉ. अजय तावरे को लंबी पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था।
गिरफ्तार डॉ. श्रीहरि हरलोर की अचानक तबीयत बिगड़ गई। हरलोर ने पुलिस को इंफेक्शन होने की शिकायत की। चेक अप के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। श्रीहरि हरलोर पर अपने साथी डॉ. अजय तावरे के कहने पर नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल बदलने का आरोप है। श्रीहरि हरलोर ससून हॉस्पिटल में इमरजेंसी विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं, जबिक डॉ. अजय तावरे ससून अस्पताल में फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के प्रमुख हैं।
डीएनए जांच में ब्लड सैंपल बदलने का खुलासा
दरअसल, दुर्घटना को अंजाम देने वाले नाबालिग आरोपी को 19 मई को मेडिकल जांच के लिए पुणे के ससून सरकारी अस्पताल ले जाया गया था। इसी दौरान लड़के के परिजनों ने डॉक्टर को पैसों का लालच दिया। श्रीहरि हरलोल द्वारा लड़के का ब्लैड सैंपल लिया गया था, लेकिन यह महसूस होने के बाद कि इसमें अल्कोहल हो सकता है, इसे बदलने का निर्णय लिया गया। इतना ही नहीं, इस अपराध को छुपाने के लिए खास तौर पर छुट्टी पर चल रहे डॉ. अजय तावरे ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद दूसरे मरीज का ब्लड सैंपल जांच के लिए दिया गया, लेकिन पुणे पुलिस ने नाबालिग के ब्लड के नमूने को डीएनए परीक्षण के लिए दूसरे लैब में भेजने का फैसला किया। जब जांच हुई तो ब्लड सैंपल बदलने की बात सामने आई।
100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही पुलिस
पुणे पोर्श कांड में लगातार नए-नए अपडेट सामने आ रहे हैं। बीते दिन नाबालिग आरोपी का एक नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया, जिसमें वह कार से उतरता हुआ नजर दिखा। वीडियो घटना के दिन का था। वीडियो क्लब जाने से पहले का बताया गया, जिसमें उसके साथ उसके कुछ दोस्त भी हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस उस दिन के सभी सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रही है। 100 से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरे अलग-अलग जगह से चेक किए जा रहे हैं।
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