पुणे के पोर्श एक्सीडेंट केस में नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द हो गई है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह भेज दिया है। 5 जून तक आरोपी को आब्जर्वेशन में रखा जाएगा। आरोपी को बालिग की तरह ट्रीट किया जाए या नहीं इसपर अभी तक कोर्ट की तरफ से कोई फैसला नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि इसपर 5 जून तक फैसला हो सकता है। बता दें कि नाबालिग आरोपी पर बालिग मानकर केस चलाने की मांग की गई थी।
18 मई की रात को पुणे में शराब के नशे में रईसजादे ने 200 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से कार चलाते हुए 2 IT इंजीनियर्स को रौंद डाला था जिससे कि उनके मौके पर ही मौत हो गई थी। कार को 17 साल का एक नाबालिग लड़का चला रहा था। इस मामले में आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था लेकिन पिता के रसूख के आगे उसे फौरन बेल मिल गई थी लेकिन अब जब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है तो पुलिस भी एक्शन में आई और आरोपी के पिता समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है।
आरोपी के पिता पर लोगों ने फेंकी स्याही
पुणे एक्सीडेंट से लोगों में बेहद गुस्सा है। नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल को जब कोर्ट ले जाया जा रहा था तो लोगों ने उस पर स्याही फेंकी। मामला बढ़ने के बाद पुलिस भी एक्टिव हुई और कोर्ट में नाबालिग आरोपी को बालिग मानकर केस चलाने की मांग की।
पब में 90 मिनट में खर्च किए थे 48 हजार रुपये
वहीं, आज खबर मिली है कि एक्सीडेंट से पहले आरोपी नाबालिग लड़के ने 2 पबों में से एक में 90 मिनट में 48 हजार रुपये खर्च किए थे। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने ये जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि कोसी में 48 हजार का बिल भरा गया था। ये पहला पब था, जहां आरोपी और उसके दोस्त शनिवार शाम 10.40 बजे पहुंचे थे। वहीं जब इस पब में उन्हें सेवा मिलना बंद हो गया तो वह दूसरे पब ब्लैक मैरियट में 12.10 बजे पहुंचे।
पुलिस ने बताया कि हमें पब का 48 हजार रुपये का बिल मिला है, जिसका भुगतान कम उम्र के ड्राइवर ने किया था। इस बिल में उस शराब की कीमत भी शामिल है, जिसे आरोपी और उसके दोस्तों को परोसा गया था।
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