पुणे: महाराष्ट्र में पुणे के बहुचर्चित पोर्श एक्सीडेंट मामले में आरोपी नाबालिग के खिलाफ पुलिस ने सबूत नष्ट करने, जालसाजी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध के आरोप भी जोड़ दिये हैं। बीते गुरुवार जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पुणे पुलिस ने सप्लीमेंट्री फाइनल रिपोर्ट सबमिट करते हुए इन धाराओं को जोड़ा है। बता दें कि इसी साल 19 मई को पुणे में इस बहुचर्चित केस को दर्ज किया गया था। शुरुआत में जांच के दौरान नाबालिग आरोपी पर धारा 304 के तहत ‘गैर इरादतन हत्या’ मामला दर्ज हुआ था।
19 मई को गई थी दो IT प्रोफेशनल्स की जान
नाबालिग लड़का शराब के नशे में कथित तौर पर पोर्श चला रहा था और 19 मई की सुबह कल्याणी नगर इलाके में उसकी कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी। इस घटना में मोटरसाइकिल पर पर सवार एक युवक और एक युवती की मौत हो गई थी। हादसे में जान गंवाने वाले युवक और युवती आईटी प्रोफेशनल थे। क्राइम ब्रांच के एक अफसर ने बताया, ‘JJB के समक्ष एक पूरक अंतिम रिपोर्ट दायर की गई, जिसमें IPC की धारा 201 (साक्ष्यों को गायब करना), 213 (अपराधी को बचाने के लिए उपहार लेना), 214 (अपराधी को बचाने के लिए उपहार या संपत्ति की बहाली की पेशकश करना), 466, 467, 468, 471 (जालसाजी से संबंधित सभी अपराध) के तहत आरोप शामिल हैं।’
नाबालिग पर ब्लड सैंपल बदलने का भी आरोप
अधिकारी ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया क्योंकि नाबालिग पर अपने माता-पिता, अस्पताल के डॉक्टरों और कुछ बिचौलियों के साथ मिलकर रक्त के नमूने बदलने का भी आरोप है। ऐसा आरोप लगाया गया कि नाबालिग ने नशे में होने की बात छिपाने के लिए ब्लड सैंपल को बदला गया। अधिकारी ने बताया कि घटना के समय कार की गति के बारे में तकनीकी आंकड़े भी रिपोर्ट में शामिल हैं, साथ ही गवाहों के बयान भी शामिल किए गए हैं ताकि नई जोड़ी गई धाराओं की पुष्टि की जा सके। सप्लीमेंट्री रिपोर्ट जांच अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त गणेश इंगले द्वारा विशेष लोक अभियोजक के माध्यम से प्रस्तुत की गई।