पुणे पोर्श एक्सीडेंट मामले में आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को शिवाजी नगर कोर्ट ने 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने आरोपी के पिता की 7 दिन की कस्टडी मांगी थी। कोर्ट के सामने दलील देते हुए सरकारी वकील ने पक्ष रखा कि अभिभावक द्वारा पब में जाने की अनुमति दी गई। ड्राइविंग लाइसेंस न होने के बावजूद भी उसे गाड़ी दी गई। आरोपी विशाल अग्रवाल ने अपने नाबालिग बेटे को जो कार दी वह बिना नंबर प्लेट की थी। पुलिस इस मामले की जांच करना चाहती है कि विशाल अग्रवाल द्वारा उनके आरोपी बेटे को डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा कितने पैसे दिए गए।
आरोपी के पिता पर लोगों ने फेंकी स्याही
बता दें कि पुणे एक्सीडेंट से लोगों में बेहद गुस्सा है। नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल को जब कोर्ट ले जाया जा रहा था तो लोगों ने उस पर स्याही फेंकी। मामला बढ़ने के बाद पुलिस भी एक्टिव हुई और कोर्ट में नाबालिग आरोपी को बालिग मानकर केस चलाने की मांग की। इस मामले में ये फैसला आया है।
पब के 2 कर्मचारी भी अदालत में पेश
इसके अलावा पब के दो कर्मचारियो (नितेश शेवानी और जयेश बोनकर) को भी अदालत में पेश किया गया है, सरकारी वकील ने अपने दलील में कहा कि उन्होंने बिना जांच किए आरोपी को पब में आने दिया। सरकारी वकील ने विशाल अग्रवाल की 7 दिनों की पुलिस कस्टडी मांगी थी।
बार कर्मचारी के वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा, "इस मामले में कोई भी कर्मचारी फरार नहीं हुआ उन्हें 41a का नोटिस नहीं भेजा गया था। उत्पादन विभाग द्वारा बारको सील कर दिया गया है और वहां रखे सारे एविडेंस सही सलामत हैं इसलिए उनके मुवक्किलों को पुलिस कस्टडी में ना भेजा जाए।
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