लोगों को शख्स खुद का नाम डॉक्टर विनय देव बताता था और कहता था कि वो प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में कार्यरत है। ऐसी जानकरी देकर वह लोगों का भरोसा जीतता था। आरोपी इंग्लिश-हिंदी साहित कई भाषाओं का जानकार भी था। ऐसे में इसकी बॉडी लैंग्वेज सहित बोल-चाल और कद-काठी देखकर लोगों को इस पर यकीन भी हो जाता था। ये लंबे समय से लोगों से ठगी करता था।
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि कई सरकारी और गैर-सरकारी कार्यक्रमों में भी ये PMO का अधिकारी बनकर पहुंचता था और ऐसा स्थानीय प्रशासन और लोगों को बताता था कि वो सीक्रेट स्पेशल विजिट पर है, लेकिन उसकी यही चाल उसको उल्टी पड़ गई। पुणे के औंध में लेश वर्ल्ड फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में ये शख्स पहुंचा। इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर में मदद कार्यों के लिए एक एम्बुलेंस का उद्घाटन था।
पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दस्तावेज मांगे
वासुदेव नाम के इस शख्स ने कार्यक्रम में पहुंचकर खुद को दिल्ली में कार्यरत अधिकारी बताया, जो PMO में डिप्टी सेक्रेटरी है। इस दौरान कुछ लोगों को शक हुआ, तो उन्होंने स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना पर पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने वहां पहुंचकर वासुदेव निर्वित्ती तायड़े उर्फ डॉक्टर विनय देव को हिरासत में लिया और दस्तावेज मांगे।
"ऐसा कोई शख्स PMO में कार्यरत नहीं है"
ID कार्ड और बाकी कुछ उसके पास नहीं था। फिर वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर PMO दफ्तर में कार्यरत अधिकारियों को सूचना दी गई, तो पता चला कि ऐसा कोई शख्स PMO में कार्यरत नहीं है। आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। मूलत: आरोपी महाराष्ट्र के भुसावल का रहने वाला है। उसकी मंशा क्या थी, वह किस तरह से ठगी करता था और कार्यक्रमों में क्यों जाता था, इसकी जांच की जा रही है।