Highlights
- पुणे में एक पुराने पुल को अधिकारियों ने ढहाया
- नब्बे के दशक में बनाया गया था ये पुराने पुल
- इस पुल की जगह बनाया जाएगा फ्लाईओवर
Pune Bridge Demolition: महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक पुराने पुल को अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया। करीब एक महीने पहले ही उत्तर प्रदेश के नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विट टॉवर को नियंत्रित ब्लास्ट के तहत ध्वस्त किया गया था। अब महाराष्ट्र के पुणे में नब्बे के दशक में बने एक पुराने पुल को नियंत्रित विस्फोट के जरिए ढहा दिया गया। बताया जा रहा है कि इलाके में आए दिन यातयात जाम की समस्या हल करने की कवायद के तौर पर शनिवार देर रात ब्लास्ट कर ये पुल ढहाया गया।
ध्वस्तीकरण को लेकर किए गए थे ये इंतजाम
अधिकारियों ने बताया कि चांदनी चौक इलाके में मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग (एनएच-4) पर बने पुल को ढहाने के लिए करीब 600 किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया। पुल ढहाने को लेकर स्थानीय लोगों के बीच काफी उत्सुकता थी। आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग पुल को ढहाते हुए देखने के लिए घटनास्थल से सुरक्षित दूरी पर एकत्रित हो गए। पुल ढहाने के बाद मलबा हटाने के लिए कई अर्थमूवर मशीनों और ट्रकों की मदद ली गयी। अधिकारियों ने बताया कि पुल को ढहाने के मद्देनजर मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग पर वाहनों का रूट डायवर्ट किया गया था। पुल के आसपास बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित होने से रोकने के लिए इलाके में धारा 144 लगायी गयी थी।
पुल की जगह बनाया जाएगा फ्लाईओवर
पुणे के जिलाधीश राजेश देशमुख ने कहा कि मलबा हटाने के बाद हाइवे को सुबह 10 बजे यातायात के लिए खोल दिया गया। इस पुल को ढहाना, चांदनी चौक में यातायात की स्थिति को सुधारने के उद्देश्य वाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा है। चांदनी चौक इलाके में यातायात जाम की समस्या रहती है, खासतौर से सुबह और शाम के दौरान। योजना के अनुसार, इस पुल की जगह एक फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इस काम का जिम्मा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और स्थानीय नगरनिकाय प्राधिकारियों के पास है। एडिफिस इंजीनियरिंग के सह-मालिक चिराग छेडा ने कहा, ‘‘पुल को नियंत्रित विस्फोट के जरिए देर रात एक बजे ढहाया गया और सब कुछ योजना के मुताबिक किया गया। अब हमने घटनास्थल से मलबा हटाने के लिए अर्थमूवर मशीन और ट्रकों की मदद ली है।’’
ध्वस्तीकरण में एडिफिस इंजीनियरिंग भी शामिल
अधिकारियों ने बताया कि एनएचएआई प्राधिकारियों के साथ एडिफिस इंजीनियरिंग के एक दल ने पुल को ढहाने का जिम्मा संभाला था। इसी कंपनी ने इस साल अगस्त में नोएडा के सुपरटेक के ट्विन टावरों को ढहा दिया था। पुल को गिराये जाने के मद्देनजर इलाके में वाहनों की आवाजाही रोक दी गयी थी और उनका मार्ग परिवर्तित कर दिया गया था। यह पूछे जाने पर कि पुल का एक हिस्सा पूरी तरह नहीं गिरा, इस पर एडिफिस के एक अधिकारी ने कहा कि विस्फोट के कारण कंक्रीट हटा दिया गया है और अब केवल इस्पात की छड़ें बची हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब इस्पात की छड़ों को मशीनों के जरिए हटा दिया जाएगा तो बाकी का ढांचा भी गिर जाएगा।’’ अधिकारी ने बताया कि पुल के निर्माण में इस्तेमाल इस्पात की मात्रा उनकी उम्मीद से काफी अधिक थी।