Highlights
- महाराष्ट्र के सोलापुर में जुटे थे हजारों मुसलमान
- फारुख शाब्दी था सोलपुर प्रदर्शन का मास्टरमाइंड
- इंडिया टीवी पर बोले AIMIM नेता फारुख शाब्दी
Prophet Row: पैगंबर पर नूपुर शर्मा के विवादित बयान को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद देश के कई अलग-अलग शहरों में बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन देखें गए, इनमें से कई प्रदर्शनों ने हिंसक रूप भी ले लिया था। महाराष्ट्र के भी कई शहरों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे जिनमें से सबसे ज्यादा भीड़ सोलापुर में जुटी थी। जिस शख्स के बुलावे पर हजारों लोग सोलापुर की सड़कों पर उतर आए उस शख्स का नाम फारुख शाब्दी है। AIMIM के नेता फारुख शाब्दी ने इंडिया टीवी को बताया कि कैसे उन्होंने सोलापुर में हजारों मुस्लिमों की भीड़ खड़ी कर दी।
ओवैसी ने थपथपाई पीठ
इंडिया टीवी से खास बातचीत में फारुख शाब्दी ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन से पहले मुंबई में बैठक हुई थी। इसी बैठक में तय किया गया था कि नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। हमारी आवाज कितनी बड़ी है ये हमें दिखाना था। आंदोलन करने का हुक्म AIMIM आलाकमान ने दिया था। युवा मुस्लिमों को आंदोलन में शामिल करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तमाल किया था।
शाब्दी ने कहा कि आंदोलन के बाद ओवैसी ने उनकी पीठ थपथपाई और कहा कि जुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाते रहो। फारुख शाब्दी ने आगे कहा कि अगर इन दोनों को (नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल) सजा नहीं हुई तो हम और भी ज्यादा मोर्चे निकलेंगे और भी बड़े-बड़े आंदोलन करेंगे। शाब्दी ने कहा कि अगर अशांती हुई, गडबड़ हुई तो सिर्फ AIMIM ही जिम्मेदार नहीं है, इसमें सबकी जिम्मेदार बनती है।
"हमारा आंदोलन कामयाब हुआ"
AIMIM के नेता ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा कि मेरी अपील को अहमियत मत दीजिए, नूपुर और नवीन की बात मुस्लिमों के दिल पर लगी थी। अपील तो सिर्फ बहाना था, लोग चाह रहें थे कि उनकी आवाज केंद्र तक पहुंचे। ये आंदोलन सिर्फ सोलापुर में ही नहीं बल्कि पूरे देश और दुनिया में हो रहा है। सोलापूर से संदेश गया है कि शांतिपूवर्क आंदोलन कैसे होता है। फारुख ने आगे कहा कि ये मुद्दा राजनीतिक नहीं है, ये मुद्दा हमारे जीवन का सबसे जरुरी मुद्दा है। ये आंदोलन कोई साजिश नहीं थी, हमने परमिशन लेकर रैली निकाली।
उन्होंने कहा कि विरोध को लेकर मुंबई में बैठक हुई। हम चाह रहें थे कि ये जो गुस्ताखी हुई उसकी वजह से इन्हे सजा मिलनी चाहिए। इसलिए हमने आंदोलन किया। हमारा आंदोलन कामयाब हुआ। फारुख ने कहा कि जब मुस्लिमों पर अत्याचार होता है तो सिर्फ ओवैसी ही आवाज उठाते हैं। मुसलमानों पर जब अत्याचार होता है, मुस्लिमों के हक में आवाज उठाना होता है तो कांग्रेस पीछे रह जाती है। तो किसी ना किसी को आवाज उठाना ही था।
"केंद्र को बताना था कि हम नबी से प्यार करते हैं"
इंडिया टीवी से खास बातचीत में फारुख शाब्दी ने बताया कि नूपूर के मुद्दे को 10 से 12 दिन हो गए थे लेकिन कांग्रेस ने आवाज नहीं उठाई। इसलिए हमने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए AIMIM ने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में हुआ आंदोलन AIMIM ने किया यह कहना गलत होगा। इस आंदोलन में सब मुसलमान बनकर आए थे। ये मुसलमानों का आंदोलन था, इस विरोध प्रदर्शन में किसी भी राजनीतिक दल का झंडा नहीं था। सिर्फ इस्लामिक झंडा था। दलित भाई भी हमारे आंदोलन में थे। वो नीला झंडा लेकर आए थे।
फारुख ने बताया कि उलेमा और मौलाना को भी आंदोलन में शामिल होने का न्योता दिया गया। सोशल मीडिया आज की तारिख में सबसे बेहतरीन प्लेटफॉर्म है, इसलिए सोशल मीडिया पर भी जानकारी डाली गई कि कब और कहां विरोध प्रदर्शन होने वाला है। फारुख शाब्दी ने कहा कि इस आंदोलन में कोई साजिश नहीं है। हमें केंद्र को बताना था कि हम नबी से प्यार करते है। सोलापुर, औरंगाबाद के अलावा भी कई जगहों पर आंदोलन AIMIM ने कानून के दायरे में रखकर किया। हमारी आवाज कितनी बड़ी है ये हमें दिखाना था इसलिए आंदोलन किया।
"नूपुर और जिंदल को अरेस्ट करें, प्रदर्शन बंद हो जायेंगे"
AIMIM नेता फारुख ने कहा कि भारत में चुनाव कभी थमते नहीं हैं। इलेक्शन हो या ना हो, जब भी जुल्म होगा, ऐसी बदसलुकी होगी तो AIMIM आवाज उठाती रहेगी। कोई भी संगठन या पार्टी नहीं चाहेगी कि उनके आंदोलन में दंगा हो, बदकिस्मती है दंगा हुआ। ऐसा भी हो सकता है कि जान बूझकर कुछ हुड़दंगियों ने ऐसा किया होगा ताकि शांति भंग हो। उन्होंने कहा कि हम जनता तक मुद्दा पहुंचाने में कामयाब रहे लेकिन हमारे लिए कामयाबी उसी दिन होगी जब जिंदल और नूपुर जेल में होंगे। गृहमंत्री दोनो को आज ही अरेस्ट करलें, कल से सारे विरोध प्रदर्शन बंद हो जायेंगे।
शाब्दी ने आगे कहा कि बीजेपी अगर सोच रही है कि सिर्फ इन दोनों को सस्पेंड करने से बात खत्म हो जाएगी तो ऐसा नहीं है। हमने लोगों को सिर्फ जगह और समय बताया कि कहां विरोध प्रदर्शन करना है। अगर इन दोनो को सजा नहीं हुई तो हम और भी ज्यादा मोर्चे निकलेंगे और भी बड़े-बड़े आंदोलन होंगे। जाति का मुद्दा हो तो लोग सब्र कर लेंगे लेकिन हमारे प्यारे नबी की शान में गुस्ताखी कोई करेगा तो बर्बदाश्त नहीं करेंगे।
"आंदोलन पर ओवैसी ने खुशी जताई"
सोलापुर प्रदर्शन के मास्टर माइंड फारुख शाब्दी ने कहा कि सोशल मीडिया का बड़ा इस्तमाल किया है। असदउद्दीन से मेरी बात हुई, शांतिपूर्वक आंदोलन पर उन्होंने खुशी जताई। ओवैसी ने कहा जहां जुल्म हो वहां आवाज उठाओ। बिरयानी बांटने के आरोप पर फारुख ने कहा कि लोगों का मुंह नहीं पकड़ सकतें। कोई भी बिरयानी और पत्थर नहीं बांटेगा। हमारे नबी ने कहा कि शांती बनी रहे। हम नबी के लिए प्रदर्शन कर रहें है तो शांति बनी रहे।
शाब्दी ने इंडिया टीवी से बातचीत में युपी, रांची हिंसा पर कहा कि अगर अशांती हुई, गडबड़ हुई तो सिर्फ AIMIM ही जिम्मेदार नहीं है। सबकी जिम्मेदार बनती है। कहीं ना कहीं कुछ लैप्स हुआ होगा, कुछ लोगों ने जान बुझकर किया है। विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की गाइडलाइन्स मौलानाओं ने मस्जिदों से की थी। विरोध प्रदर्शन के बारे में जहां-जहां ऐलान हुआ था वहां उलेमा और मौलानाओं ने बताया कि कैसे विरोध प्रदर्शन करना है।