पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर CBI ने मुंबई स्थित एक प्राइवेट कंपनी सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। इन पर 1688.41 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है। इस कंपनी के खाते को पंजाब नेशनल बैंक ने 20-03-2018 को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया था और बाद में इसके खाते को कंसोर्टियम बैंकों के सदस्यों द्वारा फ्रॉड के रूप में भी घोषित किया गया था।
सीमेंट बनाती और बेचती थी कंपनी
कंपनी भारत में सीमेंट बनाने और बेचने का काम करती थी। आरोप है कि इस कंपनी ने पंजाब नेशनल बैंक और कंसोर्टियम बैंकों से संपर्क किया। कंपनी ने बताया था कि वह गुजरात के कच्छ जिले के मोरा, सूरत और थम्बी (Thmbi) गांवों में कई प्रकार के सीमेंट का उत्पादन करना चाहती है। जिसके बाद नियमों और शर्तों का उल्लंघन कर खाता खोला था और उन खातों में बड़ी राशि प्राप्त की थी जिन्हें बाद में डायवर्ट कर दिया गया था। बृहस्पतिवार को मुंबई, जयपुर सहित तीन जगहों पर तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सामान बरामद हुए। सीएम के आर्थिक सलाहकार अरविंद मायाराम के ठिकानों पर भी CBI ने छापेमारी की।
आरोपियों के नाम
- मैसर्स वाडराज सीमेंट लिमिटेड, मुंबई
- श्री ऋषि कमलेश अग्रवाल (प्रमोटर निदेशक)
- कृष्ण गोपाल तोशनीवाल (निदेशक),
- श्री विजय प्रकाश गोपीवल्लभ शर्मा, (पेशेवर निदेशक)
- अज्ञात लोक सेवक और अज्ञात व्यक्ति