नागपुर में आज महालक्ष्मी की फूलों की माला 2500 रुपये से लेकर 10,000 रुपये के बीच बिक रही है। दरअसल, गणेश उत्सव के दौरान ढाई दिनों के लिए महाराष्ट्र में महालक्ष्मी उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान नागपुर के लाखों घरों में महालक्ष्मी जी स्थापित की जाती हैं। इन ढाई दिनों के महालक्ष्मी उत्सव में यदि सबसे ज्यादा चांदी किसी की है तो वो महालक्ष्मी को चढ़ाए जाने वाले फूलों के हार की। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि नागपुर के फूल बाजार में महालक्ष्मी को चढ़ाए जाने वाले फुलों की माला की कीमत ₹2500 से लेकर ₹10000 तक पहुंच गई है।
फूल विक्रेता बोले- फूलों की कीमत अचानक बढ़ी
इन ढाई दिनों के महालक्ष्मी उत्सव के दौरान नागपुर के बाजार में पांच मालाओं के सेट में दो बड़ी माला रहती हैं और तीन छोटी मालाएं रहती हैं। इन फूलों की मालाओं की कीमत 10000 रुपये तक पहुंच गई है। इन बढ़े हुए दामों को लेकर फूल विक्रेताओं का कहना है कि फूलों की कीमत में अचानक कल से काफी वृद्धि हो गई है। इस वजह से फूल की मालाओं की कीमत महालक्ष्मी उत्सव के लिए काफी महंगी हो गई है।
अपने मायके आती हैं महालक्ष्मी
महालक्ष्मी की स्थापना लोगों के घरों में परंपरागत तरीके से कई दशकों से चली आ रही है। महाराष्ट्र में कुछ ऐसे परिवार हैं जिनके घरों में महालक्ष्मी 300 सालों से स्थापित होती आ रही हैं। ऐसी मान्यता है कि दूसरों गणेश उत्सव के दौरान महालक्ष्मी अपने मायके आती हैं। महालक्ष्मी अपने भाई गणेश से मिलने उनके घर पधारती हैं। देवी महालक्ष्मी के स्थापना ज्येष्ठ और कनिष्ठ के रूप में की जाती है। समृद्धि की देवी महालक्ष्मी को परिवार के सदस्य जय घोष के साथ स्थापित करते हैं। इस दौरान देवी को 56 प्रकार के भोग चढ़ाए जाते हैं। महालक्ष्मी की प्रतिमाओं के अंदर गेहूं और चावल भरे जाते हैं जो इस बात का प्रतीक हैं कि घर धन-धान्य से भर रहे।
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