काशी विश्वनाथ और महाकाल कॉरिडोर के बाद अब मुंबादेवी मंदिर के पुनरुद्धार की तैयारी बीएमसी की ओर से की जा रही है। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने 200 साल से अधिक पुराने मुंबादेवी मंदिर के प्रांगण के पुनरुद्धार की योजना बनाई है। मुंबादेवी को शहर की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर परिवर्तन के लिए नागरिक निकाय ने 20 करोड़ आवंटित किए हैं।
ट्रैफिक जाम से मुक्त होगा
इसे लेकर 30 लाइसेंस प्राप्त और 190 अनधिकृत फेरीवालों को क्षेत्र से स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि यह वाराणसी के खाके जैसा हो। मंदिर परिसर सभी तरफ से दिखाई देगा और ट्रैफिक जाम से मुक्त होगा, जो अभी देखा जा सकता है। यह नागरिकों के अनुकूल होगा, जिसमें शौचालय और पीने के पानी की सुविधा होगी। इसके साथ ही समान दुकानों वाला एक बाजार होगा।
हॉकरों को अलग किया जाएगा
इस योजना में मंदिर परिसर के अंदर और बाहर की दुकानें शामिल होंगी, जिनमें एक समान डिजाइन और कलर कोडिंग होगी, जिस पर पहले से ही दुकान मालिकों के साथ चर्चा की जा चुकी है। हॉकरों को अलग किया जाएगा और मुंबादेवी रोड से दूर एक संगठित तरीके से सीमांकित स्थानों में काम किया जाएगा।
डिप्टी सीएम फडणवीस ने दी जानकारी
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने औपचारिक चर्चा के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, "पिछले दिनों मैं अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि महाराष्ट्र में भी भव्य मंदिर कॉरिडोर बनाए जाने चाहिए। फिलहाल पंढरपुर में ऐसा भव्य कॉरिडोर बनाया जाना है। मुंबई में मुंबादेवी मंदिर कॉरिडोर भी बनाया जाएगा।" उन्होंने कहा कि कॉरिडोर बनाते समय इस बार का पूरा ध्यान रखना होगा कि वहां की ऐतिहासिक धरोहर भी सुरक्षित रहे और वह सभी को दिखाई भी दे। इसे लेकर दुकानदारों का कहना है कि वो इस फैसले का स्वागत करते हैं और उन्हें सरकार से काफी उम्मीद भी है कि उनकी बातों को समझा जाएगा।
सभी दुकानदार को जगह दी जाएगी
मुंबादेवी के पास जो संकरी गलियां और दर्जनों दुकानें हैं उससे दर्शन करने वालों को बड़ी समस्या होती है। पार्किंग की सुविधा ना होने से ट्रैफिक जाम भी लग जाता है। ऐसे में इन सभी मसलों को तैयारी के साथ हल किया जाएगा। कॉरिडोर बनाने में मंदिर के पीछे मौजूद जगह को मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें 11 मंजिला इमारत में 3 मंजिला अंडरग्राउंड पार्किंग, साथ ही सभी दुकानदार को जगह दी जाएगी। यहां प्रार्थना स्थल, मुंडन स्थल, पूजा स्थल के लिए अलग से हॉल बनाया जाएगा।
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