मुंबईः बॉम्बे हाई कोर्ट में बदलापुर मामले की सुनवाई हुई। सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल (एजी) ने अब तक की जांच का ब्योरा कोर्ट को दिया। एजी ने कहा कि स्कूल डिपार्टमेंट ने कई कदम उठाए हैं। इस पर कोर्ट ने बताया कि क्या फरार आरोपी गिरफ्तार हुआ है? क्या कदम उठाए हैं? इस पर सरकार की तरफ से बताया गया कि पुलिस टीम उन्हें ढूंढ रही है। सीडीआर विश्लेषण हुआ है। सीसीटीवी की जांच हुई है। लीगल एडवाइस के बाद हमने 25 अगस्त को दूसरा FIR दर्ज़ किया है।
विक्टिम का नाम एप्लीकेशन से हटाने को कहा
दूसरे विक्टिम के लिए जांचकर्ता ने विक्टिम का नाम और पता अपने एप्लीकेशन में मेंशन किया था। कोर्ट ने उसे डिलीट करने को कहा। कोर्ट ने एजी से पूछा कि क्या सभी स्टेटमेंट रेकॉर्ड हुए हैं। इस पर उन्होंने कहा कि जी हां..हम जल्द ही इस मामले में चार्जशीट फ़ाइल करने वाले है। इस पर कोर्ट नै कहा कि चार्जशीट फ़ाइल करके केस को भूल मत जाइएगा। सब कुछ आर्डर में होना चाहिए। निर्विवाद केस होना चाहिए।
कोर्ट ने कही ये बातें
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि 35 साल से उसी तरीके से आप केस डायरी लिख रहे हैं। स्टेप्स क्या ले रहे हैं आरोपी को पकड़ने के लिए वो मेंशन नहीं है। इस पर एसआईटी चीफ ने कहा कि हम क्राइम ब्रांच की हेल्प ले रहे हैं। अदालत ने कहा कि यहां ओपन कोर्ट में ये सब कुछ मत बताइए जिससे जांच को प्रभावित हो। इसीलिए ये सब केस डायरी में मेंशन होना चाहिए ताकि बात सिर्फ कोर्ट और IO के बीच रहे।
इस पर एजी ने कहा कि सर ऐसा नहीं है कि कुछ नहीं हुआ है। इस पर जज ने कहा कि तो वो दिखना चाहिए केस डायरी में। वहीं sterotype वर्ड्स लिखे हैं। जिस तरह से आप दूसरे आरोपी को आप लोग ढूंढ रहे हैं। जांच से हम संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने एजी से पूछा कि क्या AG साहब आपने खुद केस डायरी देखा है। कैसे लिखा गया है। इस पर एजी ने नहीं में जवाब दिया।
जल्दबाजी में चार्जशीट फ़ाइल मत कीजियेः कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि SIT जब बना है तो जांच बिना रुकावट के होनी चाहिए। जांच में कोई कसर नहीं रहनी चाहिए। इस पर एजी ने कहा कि मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि मैं खुद उन्हें केस को लेकर डायरेक्शन दूंगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर इस केस को आप ठीक से जांच करेंगे उसका एक मैसेज जाएगा। लेकिन आप जल्दबाजी में चार्जशीट फ़ाइल मत कीजिये। पहले ठीक से जांच कीजिये। पब्लिक प्रेशर में आकर जल्दी मत करिए। जांच भी ठीक से करिए प