Monday, December 23, 2024
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शिवसेना ने पीएम मोदी पर कसा तंज, कहा- जरूरी मुद्दों पर चुप रहे लेकिन भाषण अच्छा था

पीएम मोदी के संबोधन पर कटाक्ष करते हुए ‘सामना’ में कहा गया है कि वह प्रमुख मुद्दों पर चुप रहे लेकिन उनका यह भाषण पिछले कुछ महीनों में दिए गए ‘सबसे अच्छे भाषणों में से एक’ था।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : October 22, 2020 18:50 IST
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Image Source : PTI राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुरुवार को शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में कटाक्ष किया गया है।

पुणे: राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुरुवार को शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में कटाक्ष किया गया है। पीएम मोदी के संबोधन पर कटाक्ष करते हुए ‘सामना’ में कहा गया है कि वह प्रमुख मुद्दों पर चुप रहे लेकिन उनका यह भाषण पिछले कुछ महीनों में दिए गए ‘सबसे अच्छे भाषणों में से एक’ था। मराठी दैनिक के संपादकीय में व्यंग्यात्मक लहजे में कहा गया है कि मोदी के मंगलवार के संबोधन में नापंसद किया जाने वाला कुछ भी नहीं था और प्रधानमंत्री के चेहरे पर एक अलग ही तेज दिख रहा था जो देश को उसकी समस्याओं से छुटकारा दिलाएगा।

‘भाषण छोटा और प्रभावी था’

संपादकीय में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के माध्यम से देशवासियों को क्या बताया? नया क्या था? क्या उन्होंने महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित लोगों को कोई आश्वासन दिया? किस मौद्रिक पैकेज की घोषणा की गई थी? भाषण की इसी तरह की आलोचनाएं की जा सकती हैं। हालांकि, भाषण छोटा और प्रभावी था।’ प्रधानमंत्री ने मंगलवार को लोगों से कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की और चेताया था कि किसी भी तरह की लापरवाही त्योहारों के उत्साह को फीका कर सकती है। संपादकीय में कहा गया है,‘‘उन्होंने कोरोना वायरस के बारे में जो कुछ भी कहा, वह सब सच था। वह आये, वह बोले। उनकी श्वेत दाढ़ी, उनके चेहरे पर दीप्तिमान तेज, यह तेज देश में आपदाओं के अंधेरे को मिटा देगा।’

‘मोदी ने एक भी मुद्दे को नहीं छुआ’
सामना के संपादकीय में आगे कहा गया है कि मोदी ने देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने की बात की, लेकिन महामारी के कारण हुई बेरोजगारी का जिक्र नहीं किया। शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है, ‘भाषण से पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि वह चीनी घुसपैठ (लद्दाख में) और भारत चीनी सैनिकों को कब बाहर निकालेगा, इसके बारे में बोलें। लेकिन मोदी ने एक भी मुद्दे को नहीं छुआ। उनका भाषण छोटा था। वास्तव में, कोरोना वायरस पर जागरूकता के संबंध में सात से आठ मिनट लंबा संबोधन पिछले 7 महीनों में सबसे अच्छे भाषणों में से एक था।’

मंदिरों को खोलने की मांग का भी जिक्र
संपादकीय में महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोले जाने की मांग का जिक्र करते हुए कहा गया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस बात पर गौर करना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि जिन जगहों पर भीड़ हो सकती है उन्हें इतनी जल्दी फिर से नहीं खोला जा सकता। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोले जाने की मांग कर रही है और कोश्यारी ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र भी लिखा था। (भाषा)

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