चंडीगढ़। पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय यानि PGI रोहतक में 22 डॉक्टरों के कोरोना पॉजिटिव होने से हड़कंप मच गया है। अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के लेबर रूम में तैनात करीब 22 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। एक साथ इतने सारे डॉक्टरों के कोरोना पॉजिटिव होने के बादअस्पताल प्रबंधन ने मरीजों की सुरक्षा को देखते हुए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। शुरुआत में सावधानी के तौर पर लेबर रूम को 48 घंटों के लिए बंद कर दिया गया है।
अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के लेबर रूम को पहले सैनेटाइज किया गया है और फिर उसके बाद 48 घंटों के लिए बंद करने का फैसला हुआ है। अस्पताल प्रबंधन को शक है कि लेबर रूम कोरोना हॉटस्पॉट बन चुका था, ऐसे में वहां से संक्रमण दूसरी जगह न फैसले इसलिए लेबर रूम को बंद करने का फैसला किया गया है। PGI रोहतक की चिकित्सा अधीक्षण डॉ पुष्पा दहिया ने बताया कि मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन ने लेबर रूम को बंद रखने का फैसला किया है।
डॉ पुष्पा दहिया ने बताया कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के करीब 19 पीजी छात्र, दो सीनियर रेजिडेंट व एक फैकल्टी सदस्य जोकि लेबर रूम में कार्यरत थे वे सभी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसे में जांच की गई तो पता चला कि कहीं न कहीं लेबर रूम में ही करोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है इसके चलते विभाग के चिकित्सकों को आदेश दिया गया है कि इलेक्टिव सर्जरी की संख्या में कमी की जाए।
वहीं दूसरी तरफ सिविल सर्जन से वार्ता की जा रही है कि 2 दिन सभी डिलीवरी के केस सिविल अस्पताल में रखे जाएं और उन्हें पीजीआई में रेफर ना किया जाए ताकि 2 दिन लेबर रूम पूर्ण रूप से सैनिटाइज कर वहां से वायरस को खत्म किया जा सके। डॉ पुष्पा दहिया ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि बुधवार दोपहर बाद से डिलीवरी के लिए 2 दिन सिविल अस्पताल में जाएं उन्होंने कहा कि उनके चिकित्सक वहां मरीजों की सहायता के लिए उपलब्ध होंगे।