नागपुर: पुलिस की टीम ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसे जानकर आपके पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी। दरअसल, कमीशन पर 2,000 रुपये के नोट बदलने के मामले में नागपुर पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस की टीम ने मूंगफली बेंचने वाले एक शख्स के घर पर छापा मारा। दरअसल, आरोपियों में से एक नंदलाल मौर्य संविधान चौक क्षेत्र में एक ठेले पर मूंगफली और अन्य चीजें बेचता है। संविधान चौक क्षेत्र में रिजर्व बैंक कार्यालय और महाराष्ट्र विधान भवन स्थित हैं। नंदलाल मौर्य 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए गरीब पुरुषों और महिलाओं को कमीशन पर रखता था।
कुल 4 आरोपी हुए गिरफ्तार
एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ये लोग इन नोट को 500 रुपये के नोट से बदलने के लिए आरबीआई को अपना आधार कार्ड विवरण देते थे। गिरफ्तार किए गए तीन अन्य आरोपियों की पहचान रोहित बावने (34), किशोर बहोरिया (30) और अनिल जैन (56) के रूप में हुई है, जो मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले हैं। माना जा रहा है कि अनिल जैन इस अपराध का सरगना है। बता दें कि आरबीआई ने 19 मई, 2023 को 2,000 रुपये मूल्य वर्ग के बैंक नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी।
नोट बदलने पर लेते थे कमीशन
पुलिस को जानकारी मिली थी कि अनिल जैन ने विभिन्न स्थानों पर स्थित विभिन्न ‘‘ग्राहकों’’ से 2,000 रुपये के नोट एकत्र करने के बाद नंदलाल मौर्य को रैकेट चलाने में शामिल किया। अधिकारी ने बताया, ‘‘अनिल जैन ने नंदलाल मौर्य को 2,000 रुपये के 10 नोट को 500-500 रुपये के नोटों में बदलने के लिए 200 रुपये देने का वादा किया था।’’ नंदलाल मौर्य ने संविधान चौक स्थित आरबीआई कार्यालय में जाकर 2,000 रुपये के 10 नोट सफलतापूर्वक बदले। प्रक्रिया सीखने के बाद, उसने गरीब पुरुषों और महिलाओं को काम पर रखना शुरू कर दिया और उन्हें आरबीआई में बैंक नोट बदलने के लिए प्रतिदिन 300 रुपये का कमीशन देने की पेशकश की।
छापेमारी में बरामद हुए लाखों रुपये
पुलिस ने शनिवार को जब नंदलाल मौर्य के घर पर छापा मारा तो वहां से 500 रुपये के 120 नोटों सहित 60,000 रुपये नकद बरामद किए गए। वहीं पुलिस को रोहित बावने के पास से 2,000 रुपये का एक नोट और 500 रुपये के 120 नोट सहित 62,500 रुपये मिले। वहीं किशोर बहोरिया के पास से 500 रुपये के 160 नोट सहित 80,000 रुपये बरामद हुए। अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, आरोपी अनिल जैन के निर्देश पर काम कर रहे थे, जिसके पास कथित तौर पर बड़ी मात्रा में चलन से बाहर हो चुके नोट थे। (इनपुट- पीटीआई)
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