मुंबई। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की नेता पंकजा मुंडे ने कहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी को नहीं छोड़ेंगी, उन्होंने अपने उन कार्यकर्ताओं के त्यागपत्र भी अस्वीकार कर दिए हैं जिन्होंने भाजपा को छोड़ने की घोषणा की थी। पंकजा मुंडे ने बुधवार को वर्ली में अपने समर्थकों की एक सभा में भाग लिया और वहीं पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।
ऐसा माना जा रहा था कि पंकजा मुंडे अपनी बहन प्रीतम मुंडे को केंद्र में मंत्री नहीं बनाए जाने पर नाराज थी। हाल ही में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में पंकजा मुंडे के पिता और महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे के जूनियर सहयोगी भागवात कराड को केंद्र में मंत्री बनाया गया है। भागवत कराड को मंत्री बनाए जाने पर पंकजा मुंडे ने कहा कि अपने बंजरा समाज के व्यक्ति को मिले केंद्रीय मंत्रिपद की अवेहलना वे कैसे कर सकती हैं।
पंकजा के पिता गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र के कदावर नेता होते थे, वे 2014 में केंद्र में पहली बार बनी मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री भी थे लेकिन एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया था। गोपीनाथ मुंडे के बाद पंकजा मुंडे को उनका राजनीतिक वारिश माना जाता है। पंकजा मुंडे की बहन प्रतिमा मुंडे भी भारतीय जनता पार्टी की सांसद हैं और ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि मंत्रिमंडल विस्तार में प्रतिमा मुंडे को मंत्रीपद मिल सकता है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
पंकजा मुंडे को भारतीय जनता पार्टी संगठन में सचिव का पद दिया गया है और हालही में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद वे दिल्ली के दौरे पर भी आईं थी।