नागपुर: महाराष्ट्र में विपक्ष ने शीतकालीन अधिवेशन की पूर्व संध्या पर सरकार द्वारा दी जाने वाली चाय पार्टी के बहिष्कार का निर्णय लिया है। बुधवार को इस बात की जानकारी देते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि विपक्ष सरकार द्वारा दी जा रही परंपरागत चाय पार्टी का बहिष्कार करेगा। उन्होंने अतिवृष्टि से फसलों के नुकसान, आरक्षण को लेकर मराठा और ओबीसी समाज में उभरे मतभेदो का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सरकार इन मुद्दों को उलझा रही है, इसी वजह से यह निर्णय लिया गया है।
'सरकार की विफलताओं के चलते किया बहिष्कार'
वडेट्टीवार ने कहा इस मौके पर कहा कि बेमौसम बारिश से किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए सरकार ज्यादा मात्रा में हर्जाना दे। बता दें कि विपक्ष ने फल उत्पादक किसानों के लिए 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेअर की मांग की है, जबकि कपास के लिए 35 रुपये और अनाज के लिए 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेअर की मांग रखी गई है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने कहा है कि सरकार की विफलताओं की वजह से विपक्ष ने सरकार की चाय का बहिष्कार किया है।
महाराष्ट्र में गरमाया है मराठा आरक्षण का मुद्दा
बता दें कि महाराष्ट्र में इस समय मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। BJP की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को मंगलवार को लातूर शहर में मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए थे। घटना उस समय हुई जब बावनकुले दोपहर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में मराठा संगठन के 21 सदस्यों को हिरासत में लिया है। कार्यकर्ताओं के एक समूह ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के समर्थन में तथा ‘एक मराठा, लाख मराठा’ के नारे लगाए। एक अधिकारी ने बताया, बावनकुले जब तक शहर में थे तब तक 21 कार्यकर्ताओं को हिरासत रखा गया।
नागपुर में भारी संख्या में तैनात रहेंगे सुरक्षाकर्मी
महाराष्ट्र विधानसभा के 7 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान नागपुर में कम से कम 11,000 पुलिकर्मी, 40 बम निरोधक दस्ते और राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) की 10 कंपनियां समेत अन्य सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। विधानसभा का 14 दिवसीय सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होगा। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार और संयुक्त आयुक्त अस्वती दोरजे ने सोमवार को सुरक्षा इंतजाम की तैयारियों के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। पुलिस प्रमुख ने कहा कि अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए सशस्त्र पुलिसकर्मियों को विधान भवन के आसपास रणनीतिक रूप से तैनात किया जाएगा।