विश्व हिंदू परिषद ने भी महाराष्ट्र एवं गोवा क्षेत्र में त्रिसूत्री कार्यक्रम की घोषणा की है। इसके अंतर्गत परिषद विविध समाज को जोड़ते हुए भागवत ध्वज की पूजा, मंदिरों की रोशनाई, मंदिरों की सफाई का अभियान शुरू करने जा रही है। महाराष्ट्र में लगभग 5000 से ज्यादा मंदिरों में यह अभियान चलाया जाएगा। प्रतिदिन 4 घंटे यह अभियान चलाने की योजना विश्व हिंदू परिषद ने तैयार की है। इसकी जानकारी विश्व हिंदू परिषद के मंदिर एवं अर्चक पुरोहित संपर्क आयाम के क्षेत्र प्रमुख अनिल सांबरे ने दी।
त्रिसूत्री में तीन विषय लिए गए हैं , मंदिर स्वच्छता ,मंदिर की रोशनाई, मंदिर का जो भगवा ध्वज रहता है उसका ध्वज पूजन विविध, समाज के युवा दंपति के द्वारा ध्वज पूजन।
कब से शुरू होगा अभियान
अनिल सांबरे ने बताया कि पूरे महाराष्ट्र में 12000 से 15000 मंदिरों पर दीपावली के वक्त मंदिरों में रोशनी की जाएगी, पूरे समाज को इससे लगेगा कि यह मंदिर हिंदू समाज का नेतृत्व कर रहे हैं, साथ ही साथ भागवत झंडे का विविध समाज के युवा दम्पति से पूजन कराया जाएगा। इस अभियान में समाज के सभी घटकों को जोड़ा जाएगा, यह अभियान 20 अक्टूबर से सभी राज्यों में शुरू किया जाएगा।
लगभग 5000 मंदिरों में चलेगा कार्यक्रम
विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि मंदिरों में जितनी स्वच्छता होनी चाहिए उतनी स्वच्छता रहती नहीं है, इसलिए यह घोषणा की गई है। मेरा मंदिर मेरी जिम्मेवारी, सौगंध राम की खाते हैं मंदिर स्वच्छ बनाएंगे, मंदिर स्वच्छता से राष्ट्रीय स्वच्छता, इसके तहत नियोजन किया जा रहा है। महाराष्ट्र में लगभग 5000 मंदिरों में यह कार्यक्रम चलेगा, कई सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र के लोग सामने आ रहे हैं।
विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि भागवत ध्वज प्रतीक है हिंदू समाज का, हिंदू संस्कृति का, ध्वज दीपावली के समय बदले, उसका पूजन किसी बुजुर्ग से ना करते हुए भिन्न-भिन्न तपकों की युवा पीढ़ी, युवा दंपत्ति, सबको ऐसा लगे कि मंदिर में उनका स्वागत है।