Highlights
- महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के 8 मामले आ चुके हैं।
- बीएमसी ने ओमिक्रॉन के संक्रमण से जंग के लिए कमर कस ली है।
- पिछले 24 घंटे में मुंबई में 213 नए कोरोना मरीज मिले हैं और एक मरीज की मौत हुई है।
मुंबई: ओमिक्रॉन के संक्रमण ने दुनियाभर में दहशत फैला रखी है। इस वेरिएंट ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है जिसके चलते लोगों को इसका डर सताने लगा है। महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के 8 मामले आ चुके हैं। सरकार इसको लेकर कई तरह की योजनाएं बना रही है। बीएमसी ने ओमिक्रॉन के संक्रमण से जंग के लिए कमर कस ली है, जिसके तहत मुंबई में इसके संक्रमण से लड़ने के लिए बीएमसी ने वॉर रूम्स बनाए गए हैं।
कैसे काम करते हैं ये वॉर रूम्स
वॉर रूम के इंचार्ज डॉ. निलेश पालवे ने बताया कि इन वॉर रूम्स में अलग अलग डेस्क बनाए गए हैं। हर डेस्क को एक जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन वॉर रूम्स में 24 घंटे काम चलता है। देश के अलग-अलग हिस्सों से मुंबई आए यात्रियों की लिस्ट यहां उपलब्ध कराई जाती है, जिसके बाद डेटा एंट्री, कॉलिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और मरीज के फॉलोअप का सिलसिला शुरू होता है।
हर यात्री की डिटेल यहां स्टोर की जाती है जिसके बाद एक टीम एम्बुलंस के साथ यात्री के घर जाती है। यदि यात्री होम क्वारंटिन का पालन नहीं कर रहा है तो सोसायटी को सूचित किया जाता है। दिन में पांच बार फोन कर होम क्वारंटिन वाले यात्री का फॉलोअप किया जाता है। वॉर रूम से एक टीम फिल्ड पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए भेजी जाती है।
हर नजदीकी कॉन्टैक्ट और 2nd कॉन्टैक्ट से मिलकर उनकी डिटेल ली जाती है और फिर हेडक्वाटर को इंफॉर्म किया जाता है। कई बार यात्री वॉर रूम के स्टाफ से अच्छे से बात भी नहीं करते, लेकिन फिर भी वॉररुम की तरफ से लगातार कोशिश की जाती है कि उस यात्री को समझाकर कोरोना टेस्ट करने के लिए प्रेरित किया जाए।
डॉ. निलेश पालवे ने बताया कि मुंबई में अबतक 19 संदिग्ध ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज मिले हैं। इनमें से कुछ मरीजों की जीनोम स्कवेंसिंग की रिपोर्ट आज आ सकती है। पिछले 24 घंटे में मुंबई में 213 नए कोरोना मरीज मिले हैं और एक मरीज की मौत हुई है।