Highlights
- मुंबई इकाई के प्रमुख भाई जगताप और शहर के युवा कांग्रेस के अध्यक्ष जीशान सिद्दीकी के बीच कलह
- सिद्दीकी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर जगताप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
- जीशान सिद्दीकी ने यह दावा भी किया है कि जगताप ने उनके साथ धक्का-मुक्की की
नयी दिल्ली: कांग्रेस की कई राज्य इकाइयों में चल रहे झगड़े के बीच अब पार्टी की मुंबई इकाई के प्रमुख भाई जगताप और शहर के युवा कांग्रेस के अध्यक्ष जीशान सिद्दीकी के बीच कलह शुरू हो गई है। सिद्दीकी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर ‘अपमानजनक व्यवहार एवं अन्याय’ का आरोप लगाते हुए जगताप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
दूसरी तरफ, जगताप के करीबी नेताओं ने सिद्दीकी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि बांद्रा (पूर्व) के विधायक ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में गलत आचरण और अनुशासनहीनता की जिसके लिए उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जगताप और सिद्दीकी के बीच इस कलह की शुरुआत 14 नवंबर को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर निकाले जाने वाले मोर्चे से पहले संपन्न एक बैठक के समय हुई।
सिद्दीकी का दावा है कि राजगृह (बी आर आंबडेकर का आवास) में हुई इस बैठक शामिल नेताओं की सूची में उनका नाम शामिल नहीं किया गया और जब वह मौके पर पहुंचे तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में जीशान ने यह दावा भी किया है कि जगताप ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और उनके एवं उनके समुदाय के खिलाफ ‘अपमानजनक शब्दों’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है।
उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘‘बैठक से बाहर निकलने पर नेताओं ने कहा कि जगताप को सबके सामने मेरे साथ यह व्यवहार नहीं करना चाहिए था।भाई जगताप ने मुझे धक्का दिया और मेरे एवं मेरे समुदाय के बारे में कुछ बहुत अपमानजनक कहा।’’ सिद्दीकी ने दावा किया, ‘‘भाई जगताप ने मेरे साथ लगातार अन्याय किया है। मैं जन्म से ही सच्चा कांग्रेसी हूं। मुझे आप (सोनिया) पर विश्वास है कि सख्त कारवाई की जाएगी।’’
जगताप के करीबी एक नेता ने जीशान के इस दावे को खारिज करते हुए कहा, ‘‘भाई जगताप के नेतृत्व में हम सभी लोग कांग्रेस को मुंबई में फिर से नंबर एक पार्टी बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोग पैसे के अहंकार में कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।’’ कांग्रेस की मुंबई इकाई के नेताओं के बीच यह कलह ऐसे समय पर शुरू हुई है जब अगले साल बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के चुनाव होने हैं। मुंबई की राजनीति पर कभी दबदबा रखने वाली कांग्रेस के महाराष्ट्र विधानसभा में, शहर से फिलहाल केवल चार विधायक हैं। बीएमसी में भी कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है।