मुम्बई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि औरंगाबाद को संभाजीनगर कहने में कुछ भी नया नहीं है। उनका यह बयान औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने के प्रस्ताव का कांग्रेस द्वारा विरोध किए जाने के बीच आया है। संभाजी, मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के बड़े बेटे थे। मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर औरंगाबाद को संभाजीनगर के रूप में उल्लेख किए जाने पर कांग्रेस और राकांपा की आलोचना के बारे में जब पूछा गया, तो ठाकरे ने कहा, ‘‘ उसमें नया क्या है? हम वर्षों से औरंगाबाद को संभाजीनगर कहते आ रहे हैं।’’
राज्य में सत्तारुढ़ महा विकास आघाड़ी में शिवसेना के साथ-साथ राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं। ठाकरे ने कहा, ‘‘औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष नहीं था। धर्मनिरपेक्ष उसके लिए उपयुक्त शब्द नहीं है।’’ शिवसेना प्रमुख यहां अपने निजी निवास मातोश्री पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले नासिक के दो भाजपा नेताओं को शिवसेना में शामिल किया गया।
मुख्यमंत्री के बयान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा, ‘‘शहर का नाम बदलने से लोगों की जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आता है। इसमें कहीं कोई विकास नहीं है। हम अपने इस रूख से मुख्यमंत्र को अवगत कराएंगे।’’
शिवसेना ने 1995 में पहली बार औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने की मांग की थी।