मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि जब तक अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आबादी के आंकड़े उपलब्ध नहीं हो जाते, तब तक के लिए राज्य में स्थानीय निकायों के चुनावों को टाल दिया जाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उच्चतम न्यायालय ने इस साल की शुरुआत में महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
फडणवीस ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को अगले 3-4 महीनों में ओबीसी के बारे में आंकड़े एकत्र करने चाहिए। उस समय तक के लिए कोई स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी दलों ने इस पर सहमति जताई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आंकड़े एकत्र होने और ओबीसी आरक्षण बहाल हो जाने के बाद भी, 3 जिलों में यह एक मुद्दा होगा और उसके लिए एक अलग नीतिगत फैसला किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई फैसला नहीं होता है तो इन तीन जिलों में ओबीसी के लिए कोई सुरक्षित निर्वाचन क्षेत्र नहीं होगा।
पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा 437 करोड़ रुपये की मांग किए जाने के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, ‘आयोग को तत्काल इतनी बड़ी रकम की जरूरत नहीं है। उन्हें अभी जो जरूरत है, राज्य सरकार को वह देना चाहिए।’ इस बीच एक अन्य बीजेपी नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने आरोप लगाया कि शिवसेना-NCP-कांग्रेस गठबंधन सरकार OBC आरक्षण बहाल किए जाने के मुद्दे पर अपने पैर पीछे खींच रही है क्योंकि सरकार के भीतर एक मजबूत लॉबी इसके खिलाफ है। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया, ‘जिन लोगों ने इस सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, वे अब प्रक्रिया में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं.वे स्थानीय शासी निकायों को अपने अधीन रखना चाहते हैं।’