मुंबई: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने की शिवसेना (UBT) की घोषणा के कुछ दिनों बाद पार्टी नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि यदि सहयोगियों के बीच संवाद बंद हो जाए तो कोई भी गठबंधन सफल नहीं हो सकता। राउत ने कहा कि सहयोगियों के बीच संवाद बनाये रखने के लिए ‘‘जिम्मेदार नेताओं’’ की नियुक्ति की जरूरत है और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में सबसे बड़े घटक दल कांग्रेस को यह भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन सहयोगियों के खिलाफ चुनाव लड़ने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन ऐसे मामलों में किसी भी पार्टी को अपने पूर्व या संभावित भावी सहयोगियों को ‘‘धोखेबाज’’ नहीं कहना चाहिए।
राउत ने शनिवार को किसी गठबंधन में शामिल दलों के कार्यकर्ताओं को अवसर नहीं मिलने और संगठनात्मक विकास के अधिकार को अकेले चुनाव लड़ने के प्रमुख कारणों के रूप में उद्धृत किया था, जिससे विपक्षी गठबंधन की एकता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया था। राज्यसभा सदस्य राउत ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी अपना आधार मजबूत करने के लिए स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ना चाहती है और उसने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ या महा विकास आघाडी (MVA) को भंग करने की मांग कभी नहीं की।
राउत ने बताया, 2019 में शिवसेना-भाजपा गठबंधन क्यों टूटा
‘इंडिया’ और एमवीए गठबंधनों में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं। राउत ने सोमवार को ‘इंडिया’ गठबंधन के बारे में कहा, ‘‘हम सभी की सामूहिक इच्छा है कि इस देश के राजनीतिक परिदृश्य में आगे बढ़ें। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में, हमारे कुछ गठबंधन सहयोगियों ने यह रुख अपनाया है कि संवाद टूट गया है। अगर संवाद टूट गया तो कोई भी गठबंधन सफल नहीं हो सकता।’’ उन्होंने दावा किया कि 2019 में शिवसेना-भाजपा गठबंधन टूट गया क्योंकि दोनों के बीच संवाद बंद हो गया था। उन्होंने कहा, ‘‘उचित संचार और संवाद की कमी सीधे तौर पर गठबंधन के टूटने के लिए जिम्मेदार रही।’’
'कांग्रेस को निभानी होगी अहम भूमिका'
राउत ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन में करीब 30 दल हैं और उन सभी के साथ संवाद बनाए रखने के लिए कुछ जिम्मेदार नेताओं को नियुक्त करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठकों के दौरान बार-बार इस बात पर जोर दिया है और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी इस मुद्दे को उठाया है। राउत ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के दौरान ‘इंडिया’ गठबंधन ने देश की राजनीति में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है और इसे आगे भी जारी रखना चाहिए। गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। कांग्रेस को यह भूमिका निभानी चाहिए।’’
'एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने में कुछ भी गलत नहीं'
सहयोगियों के खिलाफ चुनाव लड़ने पर राउत ने कहा कि एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए, दिल्ली जैसे राज्य में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इसी तरह, निकाय चुनाव (महाराष्ट्र में) में, जैसा कि हमने सुझाव दिया है, एक अलग दृष्टिकोण आवश्यक हो सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, ऐसे विकल्पों पर विचार करते समय किसी को भी अपने पूर्व या संभावित भावी सहयोगियों को धोखेबाज करार देने की हद तक नहीं जाना चाहिए। यह उद्धव ठाकरे और शिवसेना (UBT) का रुख है।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)
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