केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को नागपुर के कार्यक्रम के दौरान कहां कि स्कूल, कॉलेज, आश्रम शाला, विधायक एवं विधायक के साथ रहने वाले लोगों को देना बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि वह जब वो महाराष्ट्र में मंत्री थे, तब उन्होंने भी स्कूल कॉलेज और आश्रम शाला बांटी, लेकिन उन्होंने कहा था कि बच्चों को अच्छी शिक्षा दो, उन्हें अच्छा खाना दो, वह अपने पैरों पर खड़े हों। यह बात नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय क्रीड़ा स्पर्धा के पुरस्कार वितरण समारोह में कही। यह कार्यक्रम ट्राइबल अफेयर डिपार्टमेंट की तरफ से आयोजित किया गया था।
गडकरी ने कहा कि एक साथ स्कूल, कॉलेज ,आश्रम शाला, विधायक और विधायक के साथ रहने वाले लोगों को बाटने का धंधा नहीं करें। उन्होंने कहा कि वो जब पालक मंत्री थे, तब उन्होंने भी बांटा, लेकिन उन्होंने कहा था कि ईमानदारी से काम करो, बच्चों को अच्छी शिक्षा दो, उन्हें अच्छा खाना दो, वह अपने पैरों पर खड़े हों, इसका ध्यान रखो। दो पैसे तुम कमाओ, लेकिन सभी पैसे अपने जेब में रखो और आदिवासी विकास की बात करो यह नहीं चलेगा।
अच्छा काम करना होगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा "तुम्हें अच्छा काम करना चाहिए, बच्चों को अच्छी तरह सिखाना चाहिए, उन्हें उत्तम नागरिक भी बनाना चाहिए। इससे रेटिंग अच्छी रहेगी, रेटिंग रखिये, स्पर्धा होनी चाहिए, मंत्री के सिफारिश से चयन नहीं होना चाहिए। रेटिंग के हिसाब से जो अच्छा काम करेगा ,उसे प्रोत्साहन दीजिए, जो खराब काम करेगा उसे सिस्टम से बाहर करें। इससे गुणवत्ता सुधरेगी, गुणवत्ता सुधरेगी तो भविष्य में अच्छे नागरिक ,अच्छे खिलाड़ी ,अच्छे बच्चे तैयार होंगे।"
कौशल विकास पर जोर
गडकरी ने अपने उद्बोधन में कौशल विकास का जिक्र करते हुए कहा कि, एक पांच सितारे होटल के सैफ जो सब्जी बनाता है, उसे 15 लाख की तनख्वाह मिलती है। यह उसका कौशल है। गडकरी ने कहा सभी लोग सब्जियां बनाते हैं, लेकिन सबकी सब्जी हर आदमी को पसंद नहीं आती। उन्होंने कहा "एक गली में नाले के किनारे पकोड़े बनाने वाले के पास लाइन लगती है और होटल में एयर कंडीशन में उत्तम फर्नीचर होने के बावजूद कोई ग्राहक वहां झांक कर भी नहीं देखता है।