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Nitin Gadkari: 'सरकार मंत्रियों के हिसाब से चलेगी, अधिकारी केवल यस सर बोलें' : नितिन गडकरी

Nitin Gadkari: उन्होंने कहा कि कानून गरीबों की भलाई के काम में बाधक नहीं बनना चाहिए। सरकार को कानून तोड़ने या किनारे करने का अधिकार है। ऐसा महात्मा गांधी कहा करते थे। नौकरशाह जो कहें, उसके मुताबिक सरकार नहीं चलना चाहिए।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: August 10, 2022 14:30 IST
Nitin Gadkari- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Nitin Gadkari

Highlights

  • नौकरशाह जो कहें, उसके मुताबिक सरकार नहीं चलना चाहिए - गडकरी
  • जनता की भलाई के लिए सरकारों को कानून दरकिनार कर देना चाहिए - गडकरी
  • हम मंत्री जो कह रहे हैं अधिकारियों को उसे लागू करना होगा - गडकरी

Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नौकरशाही पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार ब्यूरोक्रेट्स के मुताबिक काम नहीं करेगी, आप मंत्रियों के हिसाब से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा अफसरों से कहता हूं कि सरकार आपके कहने के मुताबिक काम नहीं करेगी, आपको सिर्फ 'जी सर' कहना है। आपको वही लागू करना है, जो मंत्री कह रहे हैं। सरकार हमारे मुताबिक चलेगी।

नौकरशाह केवल हां बोलें - गडकरी 

उन्होंने कहा कि, "कानून गरीबों की भलाई के काम में बाधक नहीं बनना चाहिए। सरकार को कानून तोड़ने या किनारे करने का अधिकार है। ऐसा महात्मा गांधी कहा करते थे। नौकरशाह जो कहें, उसके मुताबिक सरकार नहीं चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधी जी भी कहते थे कि यदि कानून गरीबों के विकास का रास्ता रोकें तो उन्हें तोड़ना चाहिए। नितिन गडकरी ने वर्ष 1995 में महाराष्ट्र की मनोहर जोशी सरकार में अपने कार्यकाल को याद करते हुए बताया कि मैं हमेशा नौकरशाहों से कहता हूं कि सरकार आपके कहने के अनुसार काम नहीं करेगी। आपको केवल 'हां सर' कहना है। आपको हम मंत्री जो कह रहे हैं उसे लागू करना होगा। सरकार हमारे हिसाब से काम करेगी।

Nitin Gadkari

Image Source : INDIA TV
Nitin Gadkari

जनता की भलाई के लिए सरकारों को कानून दरकिनार कर देना चाहिए - गडकरी 

महात्मा गांधी की बात का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बापू कहते थे कि गरीबों की भलाई करने में कोई कानून आड़े नहीं आ सकता। मैं जानता हूं कि गरीबों की भलाई के लिए काम करने में कोई कानून आड़े नहीं आएगा। लेकिन अगर ऐसा कोई कानून आड़े आता है तो उसे तोड़ने में 10 बार भी हिचकना नहीं चाहिए। उन्होंने बताया कि 1995 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली व मेलघाट क्षेत्र में हजारों आदिवासी बच्चे कुपोषण के कारण मर गए थे और गांवों में सड़कें नहीं थीं। वन कानून सड़कें बनाने में आड़े आ रहे थे। उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा कि सरकारों को जनहित व जनता की भलाई के कानून तोड़ने या उन्हें दरकिनार कर दें चाहिए।

वहीं इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार ने देश में सड़क हादसों की वजह से हर साल होने वाली करीब 1.5 लाख मौतों को 2024 तक घटाकर आधी करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में करोड़ों रुपये खर्चकर ब्लैक स्पॉट हटाने का काम जारी है। यहां गैर सरकारी संगठन ‘जन आक्रोश’ के कार्यक्रम में गडकरी ने बताया कि देश में हर साल पांच लाख सड़क हादसों में करीब 1.5 लाख लोगों की मौत होती है, जबकि 3 लाख व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।  

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